India News (इंडिया न्यूज़), Jamia Millia, दिल्ली: उच्च न्यायालय ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को एक सहायक प्रोफेसर के भत्ते को जारी रखने का निर्देश दिया है। प्रोफेसर पर फरवरी में यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद निलंबित कर दिया गया था। अदालत ने मामले को 13 अक्टूबर को फिर से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
सहायक प्रोफेसर एस वीरामणि को आंतरिक शिकायत समिति द्वारा तुरंत निलंबित कर दिया गया था। 7 फरवरी से मामला लंबित है। संस्थान की एक छात्रा द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 की धारा 9 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की खंडपीठ ने प्रोफेसर के निर्वाह भत्ते के लिए मासिक आधार पर आदेश दिया था। उत्पीड़न की शिकायत इस साल 6 फरवरी को कुलपति को सौंपी गई थी और उसी दिन डीन, फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, एचओडी (डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज) और शिकायतकर्ता के पिता की गठित समिति के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई थी।
अदालत के आदेश में कहा गया है कि इस मामले को पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया था। हालांकि, अगले ही दिन यानी 7 फरवरी 2023 को उन्हें विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा जारी ऑफिस मेमोरेंडम के जरिए निलंबित कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि याचिकाकर्ता वर्तमान रिट याचिका में उठाई गई दलीलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना आईसीसी द्वारा की जा रही जांच की कार्यवाही में भाग लेने के लिए स्वतंत्र है।
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