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MBBS ट्रेनी डॉक्टरों के लिए जारी किया गया गाइडलाइन, जानिए क्या है इसमे खास

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : September 12, 2024, 9:39 pm IST

MBBS

India News (इंडिया न्यूज़),MBBS यानी नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस ने एमबीबीएस ट्रेनी डॉक्टरों के लिए एक नोटिस जारी किया है। यह नोटिस स्टाइपेंड को लेकर एक संशोधित गाइडलाइन है, जिसे जानना बेहद जरूरी है। आधिकारिक गाइडलाइन में साफ तौर पर कहा गया है कि एनबीईएमएस ट्रेनी को किसी मान्यता प्राप्त अस्पताल/मेडिकल संस्थान द्वारा स्टाइपेंड दिया जाना अनिवार्य है। निजी अस्पतालों, सरकारी संस्थानों, केंद्रीय पीएसयू, रेलवे, ईएसआईसी, केंद्रीय स्वायत्त निकायों और केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों में ट्रेनी डॉक्टर एनबीईएमएस की आधिकारिक वेबसाइट natboard.edu.in पर जाकर नोटिस देख सकते हैं।

मेडिकल ट्रेनी को मिलेगा स्टाइपेंड 

जारी नोटिस में कहा गया है कि पोस्ट एमबीबीएस डीएनबी (ब्रॉड स्पेशियलिटी) कोर्स में पढ़ने वाले पहले साल के मेडिकल ट्रेनी को 35,000 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाना चाहिए। दूसरे साल के मेडिकल ट्रेनी को 37,000 रुपये और तीसरे साल में पढ़ने वाले मेडिकल ट्रेनी को 39,000 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही पोस्ट डिप्लोमा डीएनबी (ब्रॉड स्पेशियलिटी) कोर्स में अध्ययनरत प्रथम वर्ष के मेडिकल प्रशिक्षुओं को 37,000 रुपये वजीफा मिलेगा। साथ ही, द्वितीय वर्ष के मेडिकल प्रशिक्षुओं को 39,000 रुपये वजीफा दिया जाना चाहिए।

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पोस्ट एमबीबीएस-ब्रॉड स्पेशियलिटी के लिए कितना?

इसके अलावा, दो वर्षीय डिप्लोमा (पोस्ट एमबीबीएस-ब्रॉड स्पेशियलिटी) कोर्स में अध्ययनरत प्रथम वर्ष के छात्रों को 35,000 रुपये और द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षुओं को 37,000 रुपये दिए जाने चाहिए। डॉक्टर एनबी (सुपर स्पेशलिस्ट) कोर्स में अध्ययनरत छात्रों को पहले वर्ष में 41,000 रुपये, दूसरे वर्ष में 43,000 रुपये और तीसरे वर्ष में 45,000 रुपये वजीफा दिया जाना चाहिए। साथ ही, एफएनबी कोर्स के उम्मीदवारों को पहले वर्ष में 41,000 रुपये और दूसरे वर्ष में 43,000 रुपये वजीफा मिलना चाहिए।

अस्पतालों को क्या मिली सलाह

नोटिस में आगे कहा गया है कि अस्पतालों को राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर लागू किए गए बदलावों के अनुसार वजीफे में संशोधन करते रहना चाहिए। अस्पताल प्रशिक्षु डॉक्टर को एनबीईएमएस द्वारा तय न्यूनतम वजीफे से ज़्यादा वजीफा दे सकते हैं। साथ ही कहा गया है कि अगर उम्मीदवार को हॉस्टल (आवास) दिया जाता है, तो वे बदले में वजीफा कम कर सकते हैं।

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