संबंधित खबरें
200 साल में भारत का कोना-कोना चुन ले गए थे अंग्रेज, सच सुन चौंक जाएंगे आप!
SBI Clerk Recruitment 2024: भारतीय स्टेट बैंक ने निकाली बंपर भर्तियां, भूलकर भी न छोड़ें यह सुनहरा मौका, जानें अप्लाई करने का पूरा प्रोसेस
सीआईएसएफ ने 29वीं अंतर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल वाद-विवाद प्रतियोगिता 2024 जीती
क्या है ये अपार आईडी? आधार कार्ड से क्यों है ये इतना अलग लेकिन काम एक, कैसे दिलाएगा छात्रों को अनेकों फायदे
परीक्षा से पहले CBSE बोर्ड में होने वाला है बड़ा बदलाव, अपनी क्षमता के अनुसार परीक्षा दे सकेंगे छात्र
ICSE-ICE के छात्रों का इंतजार खत्म, बोर्ड ने जारी की परीक्षाओं की तारीख; जानें कहां डाउनलोड होगा पूरा शेड्यूल
Indian Army to Learn Chinese Language in Assam Tezpur University: लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तैनात सैनिकों को चीनी भाषा मैंडेरिन सिखाने पर भारतीय सेना का फोकस बढ़ रहा है। आईटीबीपी (इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस) ने इस दिशा में ज्यादा तेजी से काम किया है। आईटीबीपी के सैनिक इंडो-तिब्बत बॉर्डर पर तैनात हैं और एलएसी पर वह भारतीय सेना के साथ मिलकर पेट्रोलिंग करते हैं।
चीनी भाषा में भारतीय सेना के जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए 19 अप्रैल 2023 को भारतीय सेना और तेजपुर यूनिवर्सिटी के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस भाषा को सिखाकर इंडियन आर्मी के सैनिकों को और स्किल्ड बनाने की तैयारी हो रही है, ताकि वो मंदारिन भाषा में बोलने की क्षमता को दुरुस्त कर सकें।
यह पाठ्यक्रम 16 सप्ताह की अवधि के लिए होगा और तेजपुर यूनिवर्सिटी में आयोजित किया जाएगा। समझौता ज्ञापन पर भारतीय सेना की ओर से मुख्यालय 4 कोर और तेजपुर विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर एसएन सिंह के हस्ताक्षर किए गए। इस सिलेबस से बेहतर चीनी भाषा कौशल के साथ, सेना के जवानों को अपनी बातों को और अधिक सशक्त तरीके से करने के बेहतर अधिकार मिलेंगे।
इस ट्रेनिंग के चलते एलएसी पर फेसऑफ, बॉर्डर पर्सनल मीटिंग के दौरान भारतीय सेना को चीनी सैनिकों की बातचीत को समझने में आसानी होगी. इसके साथ ही इंटेलिजेंस को इकट्ठा करने में भी आसानी होगी. चीन ने भी भारतीय भाषा को डीकोड करने के लिए हाल ही में वहां की यूनिवर्सिटी से 19 ट्रांसलेटर चुने हैं.
इस मैंडेरिन में करीब 100 वाक्य सिखाए जाते हैं। जो एलएसी पर चीनी सैनिकों से बातचीत के लिए काफी हैं। ni hao नी हाओ (हैलो), ni hao ma नी हाओ मा (आप कैसे हैं), Zhè shì wǒ de qūyù चश वद च्युयू (यह हमारा इलाका है) जैसे वाक्य उन्हें सिखाए जाएंगे ताकि वह चीनी सैनिकों को उनकी भाषा में जवाब दे सकें।
आईटीबीपी के पास अभी 163 मास्टर ट्रेनर हैं जिन्होंने मैंडेरिन का डिटेल कोर्स किया है। यह मास्टर ट्रेनर औरों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। इसके अलावा हर बटालियन में भी जवानों को बेसिक जानकारी दी जा रही है। हर साल आईटीबीपी में करीब 3000 नए जवान और ऑफिसर आते हैं। सब को बेसिक मैंडेरिन सिखाई जा रही है। आईटीबीपी का अनुमान है कि 2030 तक पूरी फोर्स ट्रेंड हो जाएगी।
Also read: नीट-यूजी में इस साल रिकॉर्ड 20.87 लाख आवेदन, छात्राओं की संख्या 12 लाख
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.