Railway’s Decision After The Protest Of The Examinees: परीक्षा स्थगित, पांच सदस्यीय कमेटी गठित
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
बीते सोमवार को बिहार-यूपी में हजारों परीक्षार्थियों ने (Railway Job) रेलवे की भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसे परीक्षार्थियों ने मंगलवार व बुधवार को भी जारी रखा। बुधवार को परीक्षार्थियों के विरोध को देखते हुए रेलवे ने एनटीपीसी और ग्रुप डी परीक्षा को स्थगित करते हुए एक हाई लेवल पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। आइए जानते हैं क्यों हो रहा रेलवे की भर्ती परीक्षा को लेकर विवाद।
रेलवे की किस परीक्षा पर हुआ विवाद?
- सूत्रों के मुताबिक, रेलवे के जिन पदों पर भर्ती के लिए विवाद हो रहा है, उन पदों की संख्या 35 हजार से ज्यादा है और उसके लिए 1.25 करोड़ छात्रों ने आवेदन किया था। रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरीज (एनटीपीसी) (RRB NTPC Result) के लिए जनवरी 2019 में 35277 पदों की घोषणा करते हुए फरवरी 2019 में इसका नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें ग्रेजुएट और अंडर-ग्रेजुएट दोनों पोस्ट शामिल थे। (Railway Job 2019 Row)
- इस आवेदन के जरिए रेलवे जूनियर क्लर्क, ट्रेन असिस्टेंट, गार्ड, टाइम कीपर से लेकर स्टेशन मास्टर तक के पदों पर अपने विभिन्न जोनों के लिए भर्ती कर रहा है। (Railway Recruitment) इस भर्ती परीक्षा में 10628 पदों के लिए न्यूनतम योग्यता 10+2 है। वहीं 24649 पदों के लिए न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन है। सभी पदों को पांच वेतनमान- लेवल 2 से लेवल 6 तक में बांटा गया है। 12वीं पास के पदों के लिए लेवल 2 और लेवल 3 में 19900 रुपये और 21700 रुपये का वेतनमान है। तो वहीं ग्रेजुएशन के पदों के लिए लेवल 4 से लेवल 6 तक के लिए क्रमश: 25500 रुपये, 29200 रुपये और 35400 रुपए वेतनमान रखा गया है।
सीटीबीटी-वन परीक्षा का रिजल्ट 14-15 जनवरी 2022 को हुआ था घोषित
(Railway Result Row) रेलवे के इस 35 हजार पद के लिए करीब 1.25 करोड़ छात्रों ने आवेदन किया था। रेलवे ने सभी छात्रों के स्क्रीनिंग प्रोसेस के लिए एक कॉमन टेस्ट लिया, जिसे कम्यूटर बेस्ड टेस्ट-वन (सीटीबीटी-वन) कहा जाता है। (RRB NTPC 2019) रेलवे ने इन पदों की घोषणा जनवरी 2019 में की थी, परीक्षा की संभावित तारीख सितंबर 2019 थी, लेकिन ये मार्च 2020 तक टल गई थी। इसके बाद कोविड लॉकडाउन की वजह से ये फिर स्थगित हुई और आखिरकार कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट-वन की परीक्षा दिसंबर 2020 से जुलाई 2021 तक सात चरणों में आयोजित हुई थी। सीटीबीटी-वन परीक्षा का रिजल्ट 14-15 जनवरी 2022 को घोषित किया गया था।
परीक्षार्थियों के विरोध के बाद परीक्षा स्थगित (Railway’s Decision After The Protest Of The Examinees)
- रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) के नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरीज के इन 35 हजार पदों के लिए अगले राउंड की परीक्षा, यानी कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट-2 15 फरवरी 2022 को आयोजित की जानी थी। लेकिन रेलवे ने परीक्षार्थियों के विरोध को देखते हुए फिलहाल इस परीक्षा को स्थगित कर दिया है। रिजल्ट के संबंध में परीक्षार्थियों की चिंताओं और शंकाओं के समाधान के लिए रेलवे ने एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है।
- परीक्षार्थियों को अपनी शिकायतें और सुझाव दर्ज कराने के लिए करीब तीन हफ्तों यानी 16 फरवरी तक का समय दिया गया। संबंधित पक्षों की शिकायतों को सुनने के बाद कमेटी 4 मार्च को रेल मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। परीक्षार्थी 16 फरवरी तक रेलवे की ईमेल पर अपनी शिकायतें और सुझाव दर्ज करा सकते हैं। रेलवे ने इस परीक्षा के अलावा रेलवे भर्ती बोर्ड की ग्रुप डी (आरआरसी-01/2019) की 23 फरवरी को होने वाली कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट-1 (सीटीबीटी-1) परीक्षा को भी स्थगित कर दिया है।
क्यों नाराज हैं हजारों परीक्षार्थी (Railway’s Decision After The Protest Of The Examinees)
35 हजार पदों के लिए 1.25 करोड़ से ज्यादा परीक्षार्थियों ने किया था आवेदन। इसके बाद पहले चरण के टेस्ट के बाद सात लाख परीक्षार्थियों को किया गया था शॉटलिस्ट कर दिया गया था। फिर दूसरे चरण के लिए केवल 3.84 लाख परीक्षार्थियों का चयन किया गया था। इसमें चयन किए गए परीक्षार्थियों के संख्या घटाने से हजारों परीक्षार्थी भड़क गए थे।
इस पर रेलवे का क्या है तर्क?
- रेलवे के मुताबिक, कक्षा-12 पास परीक्षार्थी अपनी पसंद और टेस्ट स्कोर के आधार पर लेवल 2 और लेवल 3 दोनों पदों के लिए शॉर्टलिस्ट हो सकता है। इसी तरह एक ग्रेजुएट आवेदक भी टेस्ट स्कोर के आधार पर सभी लेवल के पदों के लिए शॉर्टलिस्ट हो सकता है। इसी वजह से सीटीबीटी-2 के लिए 35 हजार पदों के लिए 7 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों को शॉर्टलिस्ट किया गया था।
- रेलवे का कहना है कि ज्यादा योग्यता वालों को फायदा मिलने की बात सही नहीं है। उसका कहना है कि संभव है कि सीटीबीटी-2 टेस्ट के लिए कई लेवल में शॉर्टलिस्ट कुछ परीक्षार्थी कई लेवल की परीक्षाएं दे दें, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि एक ही व्यक्ति को एक से ज्यादा नौकरी मिल जाएगी। (Railway’s Decision After The Protest Of The Examinees)
- रेलवे ने प्रदर्शन को लेकर कहा कि आखिरी चरण में, जिसे डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी कहते हैं, उस दौरान रेलवे सबसे टॉप लेवल पदों की प्रक्रिया को होल्ड रखेगा। यानी सबसे पहले लेवल-6, फिर लेवल-5 इत्यादि। अगर किसी व्यक्ति को एक लेवल में नौकरी मिल जाती है, तो अगले लेवल में उसके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा। वास्तव में, कोई भी व्यक्ति रेलवे में एक ही समय में दो अलग लेवल पर दो नौकरियां नहीं पा सकता है।
- रेलवे का कहना है कि वह टॉप लेवल के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को पहले होल्ड करेगा। ऐसे में अगर कोई स्टेशन मास्टर की नौकरी के लिए क्वॉलिफाई करता है, तो उसके नाम पर अन्य निचले लेवल पर, जैसे टीटीई या अन्य पदों के लिए विचार नहीं किया जाएगा।
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