कपिल अग्रवाल, अंबाला :
Schools not admitting students under 134 A: हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूलर्स कांफ्रैंस (एचपीएससी) द्वारा माननीय हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सरकार द्वारा रूल के तहत मुफ्त एडमिशन देने पर दी जाने वाली रिइंबसमेंट के तरीके पर सवाल उठाने के बाद अब प्रदेशभर में स्कूल संचालकों ने मुफ्त एडमिशन देने से इंकार कर दिया है।
वहीं दूसरी तरह अंबाला पहुंचे शिक्षामंत्री से जब रूल 134ए के तहत निजी स्कूल संचालकों द्वारा एडमिशन न दिए जाने के बारे में सवाल किया गया तो वह कंफ्यूज हो गए। शिक्षामंत्री ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि स्कूलों को सरकार व कोर्ट के आदेशों को मानना पडेगा।
अब सवाल यह है कि सरकार चाहती है कि निजी स्कूल रूल के तहत मुफ्त एडमिशन दें, जबकि एचपीएससी के आह्वान व माननीय द्वारा एडमिशन न देने पर किसी तरह की कार्रवाई न किए जाने के आदेशों के बाद स्कूल संचालकों ने एडमिशन देने से सीधेतौर पर इंकार कर दिया है।
शिक्षामंत्री ने कहा कि सरकार गंभीर है और इस संबंध में मीटिंग बुलाई है। इसके बाद कोई रास्ता निकाला जाएगा। वहीं दूसरी तरफ लगातार एचपीएससी के दबाव के बीच डायरेक्टर ने भी एक लेटर निकालते हुए रूल 134ए के तहत एडमिशन की तारीख को आगे बढ़ा दिया है।
एचपीएससी के उपाध्यक्ष सुरेश चंद्र व प्रशांत मुंजाल सहित अन्य पदाधिकारियों ने वीरवार को डायरेक्टर के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने स्पष्टतौर पर कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कह दिया था कि जब तक सरकार नियमों के अनुसार रिइंबसमेंट नहीं देती और फर्जी सर्टिफिकेट के दम पर एडमिशन लेने वालों पर कार्रवाई नही की जाती, तब तक किसी तरह का रूल के तहत मुफ्त एडमिशन नहीं दिया जाएगा।
जिसके बाद डायरेक्टर ने इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था। फिलहाल मामला कोर्ट में विचाराधीन है और ऐसे में यह तो साफ है कि जब तक माननीय हाईकोर्ट से कोई आदेश नहीं आता या फिर सरकार एचपीएससी द्वारा रखी गई मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक बच्चों को मुफ्त एडमिशन मिलना बेहद मुश्किल है।
फिलहाल शिक्षा विभाग के डायरेक्टर की तरफ से जारी किए गए लेटर में स्पष्टतौर पर कहा गया है कि बच्चों को मुफ्त एडमिशन देने की तारीख 24 दिसंबर 2021 निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर अब 31 दिसंबर 2021 कर दिया गया है।
वहीं डायरेक्टर ने कहीं न कहीं एचपीएससी के पदाधिकारियों की बातों से प्रभावित होकर फर्जी इनकम सर्टिफिकेट बनाने वालों पर भी सख्ती करने की तैयारी की है।
डायरेक्टर ने लेटर में रूल के तहत एडमिशन लेने वाले बच्चों के परिवार पहचान पत्रों की कॉपी तुरंत हैडक्वाटर में भेजने के लिए कहा है। जिससे यह तो पूरी तरह साफ है कि सरकार फर्जी सर्टिफिकेट के दम पर मुफ्त एडमिशन की चाहत रखने वाले बच्चों के अभिभावकों को झटका दे सकती है।
परिवार पहचान पत्रों के आधार पर तुरंत परिवार की इनकम का पता चल रहा है और ऐसे में जिन भी लोगों की इनकम तय नियमों से ज्यादा होगी, उसके बच्चों का मुफ्त एडमिशन का सपना टूट सकता है।
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