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Study Abroad : विदेश में पढ़ाई और जॉब करना हर भारतीय छात्र का सपना होता है, यह उनके करियर को अलग दिशा देता है। विदेश में पढ़ाई के दौरान छात्र जहां अपने इंटरनेशनल नेटवर्क को बढ़ाने से लेकर नई संस्कृति का अनुभव करते हैं, वहीं अपनी शिक्षा और करियर को भी लाभ पहुंचा सकते हैं। यही कारण है कि प्रतिवर्ष विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में, लाखों छात्र अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसे देशों में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।
language skills में सुधार
दूसरे देशों में पढ़ाई करने से छात्रों को अपने लैंग्वेज स्किल को सुधारने का मौका मिलता है। कक्षा में किसी भी भाषा का अध्ययन करना फायदेमंद होता है, लेकिन इसे वास्तविक दुनिया में लागू करना एक पूरी तरह से अलग अनुभव होता है। यह संभावना है कि आप भाषा को तेजी से सीखेंगे क्योंकि आप इसका नियमित रूप से अभ्यास कर रहे हैं। ऐसे में यह लैंग्वेज स्किल विकसित करने से आपके करियर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
International लेवल का नेटवर्क
जब स्टूडेंट्स किसी दूसरे देश में रहकर उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं तो वे अपने देश के साथ ही अन्य किसी देश के माहौल में जीना अच्छी तरह सीख जाते हैं और विभिन्न स्वभावों और संस्कृतियों वाले अन्य स्टूडेंट्स के साथ पढ़ने और हॉस्टल रूम आदि शेयर करने के कारण विश्व स्तर पर उनका नेटवर्क और समझ विकसित हो जाते हैं जिनका फायदा उन्हें अपने पेशेवर जीवन और करियर में मिलता है क्योंकि अक्सर स्टूडेंट लाइफ की दोस्ती लोग सारी उम्र निभाते हैं। इसी तरह, विदेशी संस्कृति में अच्छी तरह रचे-बसे स्टूडेंट्स विदेशों में भी जॉब कर लेते हैं। ऐसे में मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब्स के काफी अच्छे आफर मिलने लगते हैं।
लाइफ स्टाइल का मिलता है अनुभव
छात्र जिस देश से अपना अंडरग्रेजुएट कोर्स करते हैं, उस देश की भाषा और संस्कृति की अच्छी जानकारी उन्हें अपने देश की संस्कृति के साथ हो जाती है। असल में, दुनिया की विभिन्न लोकप्रिय यूनिवर्सिटीज में कई देशों से स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए आते हैं इसलिए, 3-4 साल विदेश में अन्य देशों के स्टूडेंट्स के साथ पढ़ने से हमारे देश के स्टूडेंट्स का भी भाषाई और सांस्कृतिक दायरा बढ़ जाता है।
टूर और ट्रेवलिंग के अवसर
किसी विदेशी यूनिवर्सिटी में 3-4 साल तक पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को अपने देश सहित अन्य देशों में ट्रेवलिंग के कई अवसर मिलते ही रहते हैं। बहुत बार ऐसे स्टूडेंट्स को ऐसी टॉप पोजीशन्स पर बड़ी कंपनियों में काम मिलता है कि उन्हें कारोबार के सिलसिले में भारत के विभिन्न राज्यों में ही नहीं बल्कि विदेशी दौरों पर भी अक्सर जाना पड़ता है। ऐसे में, इन पेशेवरों को अपने कारोबार के साथ अन्य देशों में सैर करने के भी अच्छे अवसर मिल जाते हैं और वह भी आफिशियल एक्सपेंस पर।
आत्मविश्वास (confidence) का विकास
किसी दूसरे देश में दूसरी संस्कृति के बीच रहकर आप अपना व्यक्तिगत विकास करने के साथ अपने अंदर अन्य लाइफ स्किल भी विकससित कर सकते हैं। जिसमें स्वतंत्रता और अनुकूलन क्षमता मुख्य रूप से शामिल है। ये स्किल आपको अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में आत्मविश्वास का अतिरिक्त बढ़ावा दे सकते हैं। विदेश में पढ़ाई के दौरान आप जिन चुनौतियों का सामना करते हैं, वे आपको अधिक परिपक्व व्यक्ति बनने में मदद करती हैं। आप पाएंगे कि आप अक्सर नई, अप्रत्याशित परिस्थितियों में कामयाब हो जाते हैं और आप एक नई भाषा बोलकर अपने कम्यूनिकेशन स्किल का फायदा उठाते हैं।
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