संबंधित खबरें
200 साल में भारत का कोना-कोना चुन ले गए थे अंग्रेज, सच सुन चौंक जाएंगे आप!
SBI Clerk Recruitment 2024: भारतीय स्टेट बैंक ने निकाली बंपर भर्तियां, भूलकर भी न छोड़ें यह सुनहरा मौका, जानें अप्लाई करने का पूरा प्रोसेस
सीआईएसएफ ने 29वीं अंतर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल वाद-विवाद प्रतियोगिता 2024 जीती
क्या है ये अपार आईडी? आधार कार्ड से क्यों है ये इतना अलग लेकिन काम एक, कैसे दिलाएगा छात्रों को अनेकों फायदे
परीक्षा से पहले CBSE बोर्ड में होने वाला है बड़ा बदलाव, अपनी क्षमता के अनुसार परीक्षा दे सकेंगे छात्र
ICSE-ICE के छात्रों का इंतजार खत्म, बोर्ड ने जारी की परीक्षाओं की तारीख; जानें कहां डाउनलोड होगा पूरा शेड्यूल
India News (इंडिया न्यूज) UGC Guideline, दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, केंद्र या राज्य सरकार का अवार्ड और अपने-अपने क्षेत्र में कम से कम पांच साल का अनुभव रखने वाले कलाकारों और कारीगरों को प्रोफेसर बनने का मौका मिलेगा। यदि आपके पास बुनकर, कारीगर, गायक, नर्तक व बढ़ई इनमे से किसी का भी अनुभव है और कोई डिग्री नहीं है फिर भी आपको कॉलेज में प्रोफेसर बनने का मौका मिल सकता है। उच्च शिक्षण संस्थानों में कलाकारों और कारीगरों को प्रोफेसर पदों पर भर्ती इन-रेजिडेंस के तहत प्रोफेसर बनने का मौका मिलेगा। इसमें न उम्र की कोई सीमा का बंधन होगा और न डिग्री की जरूरत। यह प्रोफेसर छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ शोध और कौशल विकास में भी निपुण करेंगे।
तीन वर्ष की होगी अवधि
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में कलाकारों और कारीगरों को प्रोफेसर के रूप में काम करने का मसौदा तैयार किया है। इसमें वे उच्च शिक्षण संस्थानों में सेवाएं तो देंगे पर नियमित नहीं होंगे। कॉलेज चयन समिति द्वारा विभिन्न मापदंड पूरे करने और चयनित होने पर तीन साल तक सेवाएं दे सकेंगे।
तीन स्तर पर होगी भर्ती
कलाकारों और कारीगरों की प्रोफेसर के रूप में नियुक्तियां तीन स्तर पर होंगी। पहले स्तर पर परमेष्ठी गुरु (प्रख्यात कलाकार और कारीगर) होंगे। इसके लिए 10 साल का अनुभव और राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर का सम्मान मिला होना चाहिए। दूसरे स्तर पर होंगे परम गुरु (असाधारण कलाकार और कारीगर) इसके लिए 10 साल का अनुभव और राज्य या केंद्र सरकार से काम की सराहना के तौर पर अवार्ड मिला होना चाहिए। तीसरे स्तर पर होंगे गुरु (कलाकार और कारीगर) इसके लिए अपने फील्ड में कम से कम पांच साल का अनुभव होना जरूरी है।
इन्हें मिलेगा अवसर
मिट्टी के बर्तन, बांस, गन्ना, लकड़ी का सामान, टेराकोटा, मधुबनी, चरखा, बुनाई, मुगल नक्काशी, लकड़ी का काम, कपड़े पर प्रिंटिंग, आर्गेनिक कपड़ों को रंगना, हाथ की कढ़ाई, कारपेट बनाना, गायन, वादन, गुरबाणी, सुफियाना, लोककला गायक व नृतक, कव्वाली, जुगलबंदी, रॉकबैंड, कथक, ओडिसी, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, कथकली, भांगड़ा, गरबा, बिहु, फुगड़ी, योग, मेहंदी, रंगोली, कठपुतली आदि के कलाकार व कारीगर आवेदन कर सकेंगे।
Also read: ओडिशा बोर्ड ने जारी किए 10वीं नतीजे, इन आसान स्टेप से जल्दी से करें चेक
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.