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इंडिया न्यूज, पटना, (Bhojpuri Artist Ramchandra Manjhi): भोजपुरी कलाकार व पद्मश्री रामचंद्र मांझी का निधन हो गया है। उन्होंने कल देर रात पटना के आईजीआईएमएस में अंतिम सांस ली। भिखारी ठाकुर की नाट्य मंडली के सदस्य रहे रामचंद्र मांझी ने लौंडा नाच को अंतरराष्ट्रीय पहचान दी थी। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। उनके निधन से भोजपुरी कला जगत में शोक की लहर है।
सारण जिले में मढ़ौरा विधानसभा के तुजारपुर निवासी रामचंद्र मांझी इंफेक्शन व हार्ट ब्लॉकेज की समस्या से जूझ रहे थे। दुखद बात यह रही कि आखिरी समय उनका मुफलिसी में कटा था। उन्हें गंभीर हालत में मंत्री जितेंद्र कुमार राय की पहल पर पटना आईजीआईएमएस में दाखिल करवाया गया था। रामचंद्र मांझी जब 10 वर्ष के थे, तभी से भोजपुरी कलाकार भिखारी ठाकुर की नाट्य मंडली से जुड़ गए थे। 30 वर्ष तक तक वह भिखारी ठाकुर के नाच मंडली के सदस्य रहे।
रामचंद्र मांझी को जब पद्म श्री से सम्मानित किया गया, तक उनके लौंडा नाच को भी वह सम्मान मिला, जिसके लिए रामचंद्र मांझी कई वर्ष से संघर्ष कर रहे थे। रामचंद्र मांझी को संगीत नाटक अकादमी सहित अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। विडंबना केवल यह रही कि गत पांच दिन से बिहार का कोई भी कलाकार रामचंद्र मांझी को देखने अस्पताल नहीं पहुंचा। मंत्री जितेंद्र राय जरूर उन्हें देखने गए और उनकी आर्थिक सहायता भी की।
छपरा निवासी संस्कृति कर्मचारी जैनेंद्र दोस्त ने रामचंद्र मांझी की अंतिम समय तक सेवा की। इस व्यक्ति ने बेटे की तरह रामचंद्र मांझी की देखभाल की। बता दें कि रामचंद्र माझी और उनका परिवार पद्म श्री पुरस्कार मिलने के बाद भी गंभीर आर्थिक संकट से जूझता रहा। रामचंद्र माझी के निधन के साथ भोजपुरी लौंडा नाच का सुनहरा चैप्टर भी बंद हो गया।
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