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India News (इंडिया न्यूज़), Amitabh Bachchan, दिल्ली: अमिताभ बच्चन और श्रीदेवी की फिल्म खुदा गवाह उनके शानदार करियर की सुपरहिट फिल्मों में से एक है। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता की अमिताभ और श्रीदेवी अपने सुनहरे फिल्मी दौर के सुपरस्टार रहे हैं, जिसमें उन्होंने एक के बाद एक हिट फिल्में दी थीं। जहां कई लोग अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का सपना देखते थे, वहीं श्रीदेवी पहली एक्ट्रेस थीं, जिन्होंने महान सुपरस्टार के साथ स्क्रीन स्पेस साझा करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद 1992 की फिल्म खुदा गवाह में एक्टर को श्रीदेवी को मनाने के लिए काफी मनाना पड़ा था।
सत्यार्थ नायक की किताब ‘श्रीदेवी: द इटरनल स्क्रीन गॉडेस’ के एक पार्ट में सरोज खान ने फिल्म सिटी के सेट से एक चौंकाने वाला खुलासा किया कि कैसे अमिताभ बच्चन ने श्रीदेवी को उनके साथ काम करने के लिए मनाने की कोशिश की थी। सरोज खान ने उस दिन का जिक्र किया जब अमिताभ बच्चन ने श्रीदेवी को मनाने के लिए गुलाबों से भरा एक ट्रक भेजा था। कोरियोग्राफर ने इसे इस बात की जिक्र करते हुए टाइटल का नाम दिया, ‘श्रीदेवी पर फूलों की वर्षा।’
किताब में आगे बताया गया है कि श्रीदेवी अमिताभ बच्चन के साथ काम नहीं करना चाहती थीं। उन्हें लगा कि फिल्म में उनके लिए पर्याप्त रोल नहीं है। बाद में, श्रीदेवी ने एक दिलचस्प मांग की और प्रस्ताव दिया कि वह उनके साथ तभी काम करेंगी जब फिल्म मे वह उनकी पत्नी या बेटी के किरदार में से एक का किरदार करेंगी।
बता दें की 1992 की सुपर फिल्म, खुदा गवाह की शूटिंग अफगानिस्तान के शहरों और उसके आसपास की गई थी, जिसमें काबुल और मजार-ए-शरीफ शामिल थे। मोहम्मद नजीबुल्लाह अफगानिस्तान के राष्ट्रपति थे और उन्होंने 1991 में फिल्म की अठारह दिवसीय शूटिंग शेड्यूल के दौरान सुरक्षा प्रदान की थी। हालांकि, बच्चन परिवार में सुरक्षा निश्चित रूप से चिंता का एक एहम कारण थी। एक बार, बॉलीवुड हंगामा के साथ अपने इंटरव्यु में मनोज देसाई ने खुलासा किया कि अमिताभ बच्चन की माँ, तेजी बच्चन ने उन्हें चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था,
“अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन जी ने मुझे चेतावनी दी थी कि ‘अगर अमित को कुछ भी होता है और अगर जया ने सफेद सारी पहनी, तो तेरी पत्नी कल्पना भी सफेद साड़ी पहनेगी। तू इधर आना ही नहीं वापस
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