गोपेंद्र नाथ भट्ट, नई दिल्ली :
पद्म विभूषण से सम्मानित महान कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज के निधन पर जयपुर घराने की जानी मानी कथक नृत्यांगना प्रेरणा श्रीमाली ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि में कहा कि कथक के सरताज बिरजू महाराज जी कथक का पर्याय थे। वे बेहतरीन परफॉर्मर और उतने ही गम्भीर गुरु थे। ऐसा संयोग दुर्लभ है। शब्द ही नहीं हैं कुछ कहने के लिए।
पंडित जी के स्वर्गवास से भारतीय नृत्य कला और संगीत को गहरा आघात लगा है। आज कथक की ड्योढ़ी सूनी और संगीत और नृत्य की लय थम गई है। साथ ही सुर मौन एवं भाव शून्य हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बिरजु महाराज के साथ उनके अनेक संस्मरण आज भी ज़ेहन में हैं। वे सच्चे अर्थों में कथक के महान साधक और पुजारी थे। उनकी कमी कला जगत में एक बड़ा शून्य पैदा कर गई हैं।
बिरजू महाराज के निधन की खबर से संगीत प्रेमियों में शोक की लहर छा गई है । साहित्यकार लेखक टीवी निर्माता निदेशक और वरिष्ठ पत्रकार बृजेंद्र रेही ने भी बिरजू महाराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आज कला और कथक का प्रज्वलित दीपक बुझ गया। उनकी कमी कभी पूरी नही हो सकेंगी। 83 वर्षीय बिरजू महाराज ने हृदयाघात होने से रविवार-रात दिल्ली में अंतिम सांस ली।
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