Casting Couch : बॉलीवुड, जिसे ग्लैमर, शोहरत और सपनों की दुनिया कहा जाता है, उसके पीछे एक ऐसी सच्चाई भी छिपी है जो अक्सर चर्चा में नहीं आती. ये सच्चाई है “कास्टिंग काउच” यानी काम के बदले यौन शोषण की मांग. इंडस्ट्री में कई उभरती एक्ट्रेस और कलाकार इस डरावने एक्सपीरिएंस से गुजर चुके हैं. कुछ समय पहले एक्ट्रेस मल्हार राठोड ने भी इस विषय पर खुलकर बात की और अपने साथ हुई भयावह घटना को शेयर किया.
टीवी और वेब सीरीज में काम कर चुकी मल्हार राठोड ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वो इंडस्ट्री में नई थीं, तब एक 65 साल डायरेक्टर ने उन्हें रोल देने के बहाने बुलाया. बातचीत के दौरान उसने मल्हार से कहा, “मेरे पास तुम्हारे लिए एक रोल है, लेकिन पहले टॉप उतारो.” ये सुनकर वो घबरा गईं और तुरंत वहां से निकल गईं. मल्हार ने बताया कि उस दिन का डर आज भी उनके जेहन में ताजा है.
सफलता की कहानी
इस डरावने एक्सपीरिएंस के बावजूद मल्हार ने हार नहीं मानी. उन्होंने मॉडलिंग के साथ-साथ कई नामी ब्रांड्स के ऐड में भी काम किया और धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई. उन्होंने हॉटस्टार की सीरीज ‘तेरे लिए ब्रो’, ‘रियल एफएम’ और ‘होस्टेजेस’ में भी मेन रोल प्ले किया है. मल्हार का ये साहसिक कदम कई और महिलाओं के लिए प्रेरणा बन सकता है जो ऐसी घटनाओं का शिकार हो चुकी हैं या हो रही हैं.
मल्हार राठोड अकेली नहीं हैं जिन्होंने कास्टिंग काउच का सामना किया है. इससे पहले विद्या बालन, सुरवीन चावला, और कल्कि केकलां जैसी कई नामचीन अभिनेत्रियां भी अपने एक्सपीरिएंस शेयक किए हैं. इन सभी का मानना है कि बाहरी लोगों, खासकर महिलाओं, को इंडस्ट्री में एंट्री करते समय इन मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ता है.
मीटू मूवमेंट और बदलाव की शुरुआत
बॉलीवुड में बदलाव की लहर तब आई जब एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने MeToo मूवमेंट की शुरुआत की. इस एक्ट्रेस ने कई बड़े नामों को बेनकाब किया और महिलाओं को अपनी आवाज बुलंद करने का मंच दिया. इससे ये साफ हो गया कि इंडस्ट्री की चकाचौंध के पीछे एक अंधेरा भी है, जिसे उजागर करना जरूरी है.
कास्टिंग काउच केवल एक व्यक्ति की समस्या नहीं है, ये पूरे सिस्टम का दोष है. जब तक कलाकारों को सेफ माहौल नहीं मिलेगा, तब तक बॉलीवुड का ये काला सच छुपा नहीं रह सकता.