Happy Birthday Sushmita Sen: अभिनेत्री ,दिवा और मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन अब 50 साल की हो चुकी हैं. पहली भारतीय महिला बनकर मिस यूनिवर्स जीतने से लेकर फिल्मों में बेहतरीन काम करने और महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान देने तक उन्होंने दुनिया भर की महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल का काम किया है. तो चलिए उनके गोल्डन जुबिली जन्मदिन पर जानते हैं कि कैसे एक छोटे से शहर की लड़की निया भर में पहचान बनाने वाली और फिल्मों में नए प्रयोग करने वाली ट्रेलब्लेज़र बनीं.
बंगाली परिवार में हुआ था जन्म
सुष्मिता का जन्म 1975 में एक बंगाली परिवार में हुआ था और वह हैदराबाद में पली-बढ़ी हैं. उनके पिता सुभीर सेन भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर थे और उनकी मां सुभ्रा सेन ज्वेलरी डिज़ाइनर हैं.उनकी मॉडलिंग की यात्रा 1994 में फेमिना मिस इंडिया (Femina Miss India) प्रतियोगिता में भाग लेने से शुरू हुई. इस प्रतियोगिता में ऐश्वर्या राय बच्चन विजेता बनी थीं, लेकिन सुष्मिता यहां नहीं रुकीं.
1994 में रचा इतिहास
उसी साल उन्होंने मिस यूनिवर्स (Miss Universe) प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया और इतिहास रच दिया. 1994 में मिस यूनिवर्स का खिताब जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला बनीं. अपनी शालीनता, आत्मविश्वास और समझदारी से उन्होंने दुनिया को प्रभावित किया. उनकी खूबसूरती के साथ उनकी इंटेलिजेंसी और आत्मविश्वास ने सबका दिल जीता.
बॉलीवुड में ट्रेलब्लेज़र
मिस यूनिवर्स बनने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने 1996 में दस्तक फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा और बीवी नं.1, आंखें, मैं हूं ना और मैंने प्यार क्यों किया जैसी हिट फिल्मों में यादगार काम किया. अपनी दमदार एक्टिंग और आकर्षक स्क्रीन प्रेज़ेंस से उन्होंने 2000 के दशक की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में अपनी जगह बनाई. उन्होंने सिर्फ मेनस्ट्रीम फिल्मों में ही नहीं, बल्कि अलग तरह के किरदार निभाकर अपनी बहुमुखी प्रतिभा भी साबित की. भले ही हाल के वर्षों में वह कम फिल्मों में दिखीं, लेकिन उनकी परफॉर्मेंस आज भी दर्शकों को पसंद आती है.
वेब सीरीज़ आर्या से की शानदार वापसी
कुछ समय के ब्रेक के बाद उन्होंने 2020 में वेब सीरीज़ आर्या से शानदार वापसी की. इस रोल ने साबित किया कि उम्र कभी प्रतिभा और आत्मविश्वास के बीच नहीं आती. यह शो 2023 में अपने तीसरे सीज़न तक पहुंचा. उसी साल उन्होंने ताली नाम की बायोग्राफिकल सीरीज़ में मुंबई की ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट गौरी सावंत का किरदार निभाया.
भारत की महिलाओं के लिए प्रेरणा
सिर्फ करियर में ही नहीं अपनी निजी जिंदगी में भी सुष्मिता ने कई साहसी फैसले लिए और समाज की बनाई कई धारणाएं तोड़ीं. उन्होंने शादी नहीं की और खुद दो बेटियों को गोद लेकर एक सिंगल मदर बनना चुना. सिर्फ 24 साल की उम्र में उन्होंने मां बनने का फैसला किया. 2000 में उन्होंने अपनी पहली बेटी रेनी को गोद लिया और 2010 में दूसरी बेटी अलीशा उनके परिवार का हिस्सा बनीं.
उन्होंने इसको लेकर बताया था कि “24 साल की उम्र में मां बनना मेरा सबसे समझदारी भरा फैसला था. इससे मेरी जिंदगी संभली. लोग इसे दान का काम समझते हैं, पर यह असल में मेरी खुद की रक्षा थी.” सुष्मिता की निजी और पेशेवर ज़िंदगी उनके साहस और अलग पहचान की मिसाल है.