India News(इंडिया न्यूज़), Kangana-Neena, दिल्ली: बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री और अलग पसंद की फिल्मों को चुनने वाली एक्ट्रेस नीना गुप्ता आए दिन सुर्खियों का हिस्सा बनी रहती है। एक्ट्रेस को कभी उनकी अलग टॉपिक से जुड़ी फिल्म तो कभी उनके फैशन सेंस को लेकर सुर्खियों का हिस्सा बनाया जाता है, लेकिन इस बार उनके कुछ बयान काफी ज्यादा ट्रेंड कर रहे हैं। बता दे की हाल ही में नीना गुप्ता ने फेमिनिज्म पर कुछ ऐसी बातें कही थी। जिसे सुनने के बाद कई लोगों इससे ताल्लुक नहीं रख रहे थे।
बता दे की हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान नीना गुप्ता ने फेमिनिज्म के ऊपर अपनी राय सामने रखी। जिसमें उन्होंने कहा कि पुरुष और महिला कभी भी सम्मान नहीं हो सकते और अदाकारा ने इस मुद्दे को फालतू बताया था। इतना ही नहीं उनके बयान पर विवाद भी खड़े किए गए इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें जम के ट्रोल किया गया। वहीं अब नीना के इस बयान पर बॉलीवुड की पंगा क्वीन यानी कि कंगना रनौत ने अपनी प्रतिक्रिया सामने रखी है।
बॉलीवुड की पंगा क्वीन कंगना ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर एक लंबा चौड़ा सा पोस्ट शेयर किया। जिसमें नीना गुप्ता की फालतू फेमिनिज्म वाले बयान के समर्थन में वह उतरती हुई सामने आई। एक्ट्रेस ने अपनी पोस्ट में लिखा, “‘मुझे ये समझ नहीं आ रहा कि नीना जी ने जो कहा उस पर इतनी तीखी प्रतिक्रिया क्यों हो रही है। पुरुष और महिला कभी एक समान नहीं हो सकते। वे चीज में एक दूसरे से अलग हैं। क्या वे समान हैं?”
अपनी बात को आगे रखते हुए कगंना ने लिखा, “चलिए महिला और पुरुष को भूल जाइए, हम सब में से कोई भी समान नहीं है। हममें से हर व्यक्ति विकास के एक अलग लेवल पर है। इसलिए हमारे पास भगवान, गुरु, वरिष्ठ, माता-पिता या यहां तक कि बॉस भी हैं। कुछ के पास ज्यादा अनुभव है या कुछ सही में ज्यादा विकसित हैं, लेकिन हम किसी भी स्तर पर समान नहीं हैं”
इतना ही नहीं कंगना ने अपनी बात को पूरी सफाई के साथ लोगों के सामने पेश किया और लिखा, “क्या हमें एक आदमी की जरूरत है? बिल्कुल है। ठीक वैसे जैसे एक पुरुष को एक महिला की जरूरत होती है। मेरी मां का जीवन काफी कठिनाईयों से भरा होता, अगर उन्हें अपनी जिंदगी अकेले ही गुजारनी पड़ती।
इसी तरह मेरे पिता भी मेरी मां के बिना अपना जीवन नहीं बिता पाते। मुझे ये समझ नहीं आता कि इसमें किस तरह की शर्म है!! क्या पुरुषों के पास ये बेहतर है? जाहिर सी बात है कि उन्हें महीने के सातों दिन खून नहीं बहता है और उनमें दिव्य स्त्री ऊर्जा नहीं बहती है जिसके लिए हर कोई प्यासा है। महिलाओं के मुकाबले लड़के सुरक्षित हैं। लड़कियों के लिए यह आसान नहीं है, खासकर यंग लड़कियों के लिए”
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