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मशहूर मलयालम एक्टर मोहनलाल की मां का निधन, कोच्चि में हो सकता है अंतिम संस्कार; जानें किस बीमारी से जूझ रही थी संथाकुमारी

Mohanlal Mother Passes Away: मोहनलाल के परिवार ने पिछले कुछ सालों में कई नुकसान झेले हैं. उनके पिता, विश्वनाथन नायर, 2005 में गुज़र गए, जबकि उनके बड़े भाई, प्यारेलाल, 2000 में गुज़र गए.

Written By: Divyanshi Singh
Last Updated: December 30, 2025 16:18:24 IST

Mohanlal Mother Passes Away: मशहूर मलयालम एक्टर मोहनलाल की मां संथाकुमारी का मंगलवार को 90 साल की उम्र में कोच्चि के एलमक्कारा में उनके घर पर निधन हो गया. परिवार के सूत्रों के मुताबिक वह काफी समय से उम्र से जुड़ी हेल्थ प्रॉब्लम का इलाज करा रही थीं और घर पर ही मेडिकल देखरेख में थीं. उनकी मौत से एक्टर की ज़िंदगी में एक शांत लेकिन बहुत असरदार इंसान का अंत हो गया है.

मां के साथ समय बिताने को प्रायोरिटी देते थे एक्टर

संथाकुमारी मोहनलाल के साथ रहती थीं और अपनी लंबी बीमारी के दौरान उनकी देखभाल में रहीं. एक्टर के मुश्किल प्रोफेशनल कमिटमेंट्स के बावजूद, वह अपनी मां के साथ समय बिताने को प्रायोरिटी देते थे, अक्सर उनके साथ रहने के लिए अपने शेड्यूल में बदलाव करते थे. परिवार के करीबी लोग अक्सर उनके बीच के मज़बूत रिश्ते के बारे में बात करते रहे हैं, जो आपसी सम्मान, प्यार और शुक्रगुजार होने पर आधारित था.

कुछ सालों में कई नुकसान झेले

मोहनलाल के परिवार ने पिछले कुछ सालों में कई नुकसान झेले हैं. उनके पिता, विश्वनाथन नायर, 2005 में गुज़र गए, जबकि उनके बड़े भाई, प्यारेलाल, 2000 में गुज़र गए. संथाकुमारी के गुज़रने के साथ, एक्टर ने अपने आखिरी ज़िंदा माता-पिता को खो दिया है, जो उनकी ज़िंदगी और करियर में हमेशा इमोशनल सहारा रहे.

कोच्चि में हो सकता है अंतिम संस्कार

उम्र से जुड़ी दिक्कतों की वजह से संथाकुमारी की सेहत धीरे-धीरे बिगड़ती गई, जिसके लिए उन्हें लगातार मेडिकल मदद की ज़रूरत पड़ी. परिवार के सदस्यों ने यह पक्का किया कि इस दौरान उन्हें देखभाल और आराम मिले. कोच्चि में अंतिम संस्कार की व्यवस्था होने की उम्मीद है, जिसमें करीबी रिश्तेदार मौजूद रहेंगे. अंतिम संस्कार के बारे में और जानकारी का इंतज़ार है.

हालांकि वह ज़्यादातर लोगों की नज़रों से दूर रहीं, लेकिन मोहनलाल की पर्सनल और प्रोफेशनल जर्नी पर संथाकुमारी के असर को एक्टर ने खुद भी माना है. इतने सालों में, उन्होंने उन वैल्यूज़, डिसिप्लिन और इमोशनल ताकत के बारे में बात की है जो उन्होंने उनमें डालीं, और सिनेमा में अपनी लंबी उम्र और सफलता के पीछे उनके सपोर्ट को एक अहम वजह बताया.

हाल ही में एक बातचीत में मोहनलाल ने अपनी मां के साथ अपनी कामयाबियां शेयर करने की खुशी के बारे में बताया था. उन्होंने इसे उनके साथ अपना दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड सेलिब्रेट करने का एक अनोखा आशीर्वाद बताया, और बताया कि सम्मान के बारे में जानने के बाद वह सबसे पहले उनसे मिलने गए थे.

संताकुमारी की विरासत उनके परिवार और एक बेटे की बातों के ज़रिए ज़िंदा है, जिसने हमेशा उनके गाइडेंस को अपनी ज़िंदगी की सबसे मज़बूत नींव में से एक माना.

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