Nushrat Bharuccha Mahakal Mandir: नुसरत भरूचा हाल ही में मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर गईं. एक्ट्रेस ने पवित्र भस्म आरती में हिस्सा लिया और मंदिर के पुजारियों ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. बता दें कि नुसरत का मंदिर जाना नए साल 2026 से पहले आशीर्वाद लेने के लिए किया था. उनके मुस्लिम धर्म और धार्मिक सहिष्णुता की वजह से चर्चा का विषय बन गया. कुछ लोगों ने हिंदू मंदिर जाने के उनके फैसले पर सवाल उठाए, जबकि एक मुस्लिम नेता ने उनके इस काम को “गंभीर पाप” बताया.
मौलाना ने कहा यह पाप है
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि शरिया कानून के अनुसार पूजा करना और चंदन लगाना “गंभीर पाप” है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसे काम इस्लाम के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ हैं. मौलाना ने मांग की कि एक्ट्रेस को पछतावा करना चाहिए और कलमा पढ़ना चाहिए. बता दें कि अब इस मामले ने एक तूल पकड़ लिया है. फिलहाल, यह देखना होगा कि इस मामले पर एक्ट्रेस का क्या जवाब मिलेगा.
धार्मिक स्थलों पर जाने में विश्वास
नुसरत भरूचा अपने धर्म को लेकर खुले विचारों वाली रही हैं. शुभंकर मिश्रा के साथ एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने बताया कि वह अलग-अलग पूजा स्थलों पर शांति पाने में विश्वास करती हैं. चाहे वह मंदिर हो, मस्जिद हो या चर्च हो. उन्होंने कहा “मेरे लिए मेरा विश्वास सच्चा है. ऐसी चीजें होती हैं जो सच नहीं लगतीं और यही मेरे विश्वास को मजबूत करता है. इसीलिए मैं अभी भी जुड़ी हुई हूं. अभी भी मजबूत हूं और मुझे पता है कि मुझे इसी रास्ते पर चलना है.”
रास्तों को खोजना है
नुसरत भरूचा ने आगे कहा, “आपको जहां भी शांति मिले चाहे वह मंदिर हो, गुरुद्वारा हो या चर्च आपको वहां जाना चाहिए. मैं यह बात खुलकर कहती हूं. मैं नमाज़ पढ़ती हूं. अगर मुझे समय मिलता है तो मैं दिन में पांच बार नमाज़ पढ़ती हूं. मैं यात्रा करते समय अपनी नमाज़ की चटाई भी साथ रखती हूं. मैं जहां भी जाती हूं, मुझे वही शांति और सुकून मिलता है. मैंने हमेशा माना है कि भगवान एक है और उससे जुड़ने के अलग-अलग रास्ते हैं. मैं उन सभी रास्तों को खोजना चाहती हूं.” बता दें कि नुसरत भरूचा आखिरी बार साइलेंट फिल्म उफ़ ये सियापा में नज़र आई थीं. उनका अगला बड़ा प्रोजेक्ट फिल्म बन टिक्की है, जो 2026 में रिलीज़ होने वाली है.