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सुबह पति से पहले क्यों उठती थीं शर्मिला टैगोर, सोहा अली खान ने किया खुलासा!

हाल ही में सोहा अली खान ने दीर्घकालिक संबंधों में भावनात्मक सुरक्षा के महत्व पर बात की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सच्चा संबंध शारीरिक सुंदरता के बजाय भावनात्मक पुष्टि पर निर्भर करता है.

Written By: Shivangi Shukla
Last Updated: December 30, 2025 16:06:18 IST

हाल ही में सोहा अली खान ने दीर्घकालिक संबंधों में भावनात्मक सुरक्षा के महत्व पर बात की. उन्होंने कहा कि रिश्ते में बनावटी और परिपूर्ण दिखने की अपेक्षा सहज होना कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. अपनी मां शर्मिला टैगोर के बारे में एक किस्सा साझा करते हुए उन्होंने बताया कि वह उनके पिता (नवाब मंसूर अली खान पटौदी) के उठने से पहले मेकअप करने के लिए सुबह जल्दी उठती थीं. 
सोहा ने इसकी तुलना अपने पति कुणाल खेमू के सामने बिना मेकअप के रहने में अपनी सहजता से की, और इस बात पर जोर दिया कि सच्चा संबंध शारीरिक सुंदरता के बजाय भावनात्मक पुष्टि पर निर्भर करता है. किसी भी रिश्ते में आप कितने सहज और भावनात्मक रूप से सुरक्षित महसूस करते हैं, यह उसकी मजबूती का प्रमुख पैमाना है. 

रिश्तों में भावनात्मक सुरक्षा दिखावे से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण क्यों है?

रिश्तों की शुरुआत भले ही शारीरिक आकर्षण से हो, लेकिन वास्तव में भावनात्मक सुरक्षा ही लंबे समय तक किसी रिश्ते के टिकाव का आधार होती है. जब पार्टनर एक-दूसरे को बिना डर के अपनी कमजोरियां, डर और सपने साझा कर सके, तभी रिश्ता गहरा और मजबूत बनता है. दिखावा तो शुरुआती आकर्षण पैदा करता है, लेकिन भावनात्मक सुरक्षा ही विश्वास का पुल बनाती है.

भावनात्मक सुरक्षा क्या है?

भावनात्मक सुरक्षा का मतलब है कि रिश्ते में बिना जजमेंट या अस्वीकृति के डर के आप अपनी सच्ची भावनाओं को अपने पार्टनर से व्यक्त कर सकें. यह वह जगह है जहां आप रो सकते हैं, गुस्सा जाहिर कर सकते हैं या असफलताओं पर बात कर सकते हैं, और फिर भी प्यार महसूस करते हैं. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, यह ऑक्सीटोसिन हार्मोन को बढ़ावा देती है, जो आपके रिश्ते को मजबूत करती है. दिखावे पर आधारित रिश्ते सतही रहते हैं, जबकि भावनात्मक सुरक्षा गहराई प्रदान करती है.

दिखावे की सीमाएं

शारीरिक आकर्षण समय के साथ फीका पड़ जाता है. उम्र, स्वास्थ्य या जीवनशैली बदलाव इसे प्रभावित करते हैं. अध्ययनों से पता चलता है कि 70% से अधिक जोड़े दिखावे के बजाय भावनात्मक जुड़ाव को रिश्ते की सफलता का प्रमुख कारण मानते हैं. दिखावे की एक सीमा है, आप बनावटी रूप में बहुत लंबे समय तक नहीं रह सकते. अगर आप या आपका पार्टनर वास्तविक रूप में एक-दूसरे के साथ सहज नहीं हैं, तो यह समस्या खड़ी कर सकता है. 

कैसे मजबूत करें इमोशनल सिक्योरिटी?

अपने रिश्ते में इमोशनल सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए आप ये छोटी-छोटी शुरुआत कर सकते हैं जैसे एक्टिव लिसनिंग, बिना जजमेंटल हुए या बिना मजाक उड़ाए बात स्वीकारना. भारत जैसे समाज में, जहां दिखावा सामाजिक दबाव का हिस्सा है, रिश्ते में इमोशनल सिक्योरिटी लाना शुरुआत में उतना आसान नहीं होता. लेकिन पार्टनर्स को एक-दूसरे से बात करके एक दूसरे को इमोशनल सिक्योर फील कराने का प्रयास करना चाहिए.  

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