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Diwali 2021 Aise Ayegi Maa Lakshmi बहुत पहले से ही दीपावली से पूर्व घर और आंगन को साफ सुथरा रखने की परंपरा है। इस दिन विशेष सजावट भी की जाती है। दीपक भी जलाए जाते हैं। अंधकार पर प्रकाश के विजय वाले इस पर्व पर माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है, उनकी प्रिय वस्तुएं माता को अर्पित की जाती हैं, जिससे प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी उनके घर पर पधारें। लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि माता लक्ष्मी उन लोगों के घर जाती हैं, जो कुछ अवगुणों से दूर रहते हैं। आइए जानते हैं दिवाली और माता लक्ष्मी से जुड़े अन्य रोचक तथ्यों के बारे में-
-जो लोग आपनी वाणी पर संयम रखते हैं और समयानुसार उचित शब्दों का प्रयोग करते हैं, उन पर माता लक्ष्मी की कृपा होती है।
-जो लोग परोपकार करते हैं, दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, वे लोग माता लक्ष्मी की कृपा के पात्र बनते हैं।
-जो लोग शांत चित्त के होते हैं, वे माता लक्ष्मी को प्रिय होते हैं। क्रोध करने वाले लोग माता लक्ष्मी को पसंद नहीं होते हैं। वे क्रोध में अपना विवेक और लक्ष्मी दोनों ही खो देते हैं।
(Diwali 2021 Aise Ayegi Maa Lakshmi)
-माता लक्ष्मी को आलसी लोग पसंद नहीं हैं। वे उनके घर में कभी वास नहीं करती हैं। माता लक्ष्मी की कृपा को पाने के लिए आलस्य का त्याग जरूरी है। काम को टालने से बेहतर है कि उसे पूरा करें।
-घमंडी और फिजूलखर्च करने वाले लोगों को भी माता लक्ष्मी पसंद नहीं करती हैं। उनके पास लक्ष्मी ज्यादा दिनों तक नहीं टिकती हैं।
-माता लक्ष्मी लाल या सुनहरे वस्त्र धारण करती हैं, जो सतत सक्रियता और पूर्ण संतुष्टि का प्रतीक है। वह स्वर्ण आभूषण पहनती हैं और सिर पर सुनहरा माणिक्य जड़ा हुआ मुकुट धारण करती हैं। उनका रंग सुनहरा है, जो सौभाग्य दात्री का प्रतीक है यानी वे लोगों को सौभाग्य प्रदान करती हैं। वह अपने दाएं हाथ को ज्ञान या अभय मुद्रा में रखती हैं, एक बाएं हाथ में सोने से भरा पात्र रखती हैं और दूसरे बाएं हाथ में धान धारण करती हैं।
(Diwali 2021 Aise Ayegi Maa Lakshmi)
-बंगाल में शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी इस रात धन की वर्षा करती हैं। वह अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर आती हैं और संसार से गरीबी, दरिद्रता, क्रोध, आलस्य और जड़त्व को दूर करती हैं।
-उत्तराखंड में दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा के बाद शंख नहीं बजाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी के साथ शंख भी निकले थे। एक प्रकार से शंख माता लक्ष्मी के भाई माने जाते हैं।
(Diwali 2021 Aise Ayegi Maa Lakshmi)
-माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। जब भी भगवान विष्णु पृथ्वी पर अवतार लेते हैं, तब माता लक्ष्मी भी अवतार लेती हैं। सीता, राधा, सत्यभामा आदि रूपों में वे पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं।
-दिवाली का त्योहार 5 दिनों का होता है। इसकी शुरूआत धनतेरस से होता है। फिर क्रमश: चार दिन छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज मनाया जाता है।
(Diwali 2021 Aise Ayegi Maa Lakshmi)
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