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शास्त्रों के मुताबिक, होलिका दहन भद्रा रहित पूर्णिमा को मनाना उत्तम होता है। चूंकि होलिका दहन प्रदोष काल में ही किया जाता है। वहीं अगर फाल्गुन पूर्णिमा के दिन शाम के समय गोधूलि बेला में भद्रा का प्रभाव हो, तो इस समय होलिका दहन नहीं करना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि इस साल होलिका दहन के पर्व पर भद्रा का साया है या नहीं।
होलिका दहन के लिए 7 मार्च को शाम 06 बजकर 31 मिनट से रात्रि 08 बजकर 58 मिनट तक शुभ मुहूर्त है। इस बार होलिका दहन के लिए केवल 2 घंटे का ही समय मिलेगा।
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