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HOLIKA DAHAN: WHAT TO DO ON THIS DAY, KNOW IMPORTENT TIPS : दो दिन बाद यानी 17 मार्च की रात होलिका दहन होगा। इस दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा (full moon of falgun month)है। हर माह की पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण भगवान (Lord Satyanarayan)की कथा पढ़ने-सुनने की परंपरा है।
पूर्णिमा विष्णु जी और बाल गोपाल (Bal Gopal) का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। इससे सुख शांति की प्राप्ती होती है।
योतिषाचार्यों के अनुसार होलिका दहन के बाद होलाष्टक खत्म हो जाएगा, लेकिन इस समय सूर्य के मीन राशि में होने से खरमास रहेगा, इस कारण मांगलिक कर्म करने के मुहूर्त नहीं रहेंगे। 14 अप्रैल को सूर्य के मेष राशि (RASHIPHAL) में प्रवेश के बाद मांगलिक कर्म के मुहूर्त रहेंगे।
पूर्णिमा पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। इसके बाद घर के मंदिर में गणेश पूजा करें। भगवान को स्नान कराएं। वस्त्र, हार-फूल चढ़ाएं। भोग लगाएं और धूप-दीप जलाकर आरती करें। गणेश पूजा के बाद बाल गोपाल की पूजा शुरू करें।
दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर पंचामृत (Panchamrit) बनाएं। बाल गोपाल को जल से, फिर पंचामृत से और फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं। वस्त्र, हार-फूल अर्पित करें। आभूषण पहनाएं। फल, मिठाई, जनेऊ, नारियल, दक्षिणा चढ़ाएं। तुलसी के पत्ते डालकर माखन-मिश्री का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
पूजा में कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप करें। पूजा में हुई अनजानी भूल के लिए क्षमा मांगें। प्रसाद बांट दें और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।
गुरुवार को पूर्णिमा होने से इस दिन गुरु ग्रह से संबंधित विशेष पूजा भी जरूर करें। गुरु ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। इसलिए शिवलिंग पर चने की दाल और पीले फूल चढ़ाएं। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
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