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Rangoli Increases the Beauty of Diwali Festival : दीपावली का पर्व आते ही रंगोलियों का ध्यान भी सहज ही आ जाता है। ये रंगोलियां ही हैं जो दीपावली पर्व की रौनक को दिनदूना रात चौगुना कर देता है। ये रंगोली बनाने में कुमकुम, चावल, आटा, हल्दी, फूल, पत्तियों और अनेक प्रकार के रंगों से बनाई जाती है। रंगोली बनाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अगर आपका घर का मुख पूरब दिशा में है तो दरवाजे पर रंगोली बनाए। रोशनी का त्योहार दीवाली में रंगोली बहुत उत्साह से बनायी जाती है। रंगोली से न केवल घर की सुंदरता बढ़ती है बल्कि हमारे चारो ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।
ऐसी मान्यता है कि दीवाली के दिन सभी के घर मां लक्ष्मी आती हैं। इसलिए लक्ष्मी जी की आने की खुशी में लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और तरह-तरह से सजाते हैं। घर की सजावट में लक्ष्मी जी के स्वागत हेतु घर के आंगन में या एंट्री के पास रंगोली बनाने का रिवाज है। इसलिए आज भी लोग अपनी परम्पराओं का निर्वाह करते हुए रंगोली बनाते हैं।
देश के सभी राज्यों में रंगोली बनायी जाती है। जहां महाराष्ट्र और गुजरात में हर त्योहारों पर रंगोली बनाई जाती है वहीं बंगाल में रंगोली को अल्पना नाम देकर सभी शुभ अवसरों पर बनाया जाता है। बिहार और उत्तर प्रदेश में द्वार पूजा के समय रंगोली बनाने की परंपरा रही है, कई स्थानों पर सत्यनारायण भगवान की पूजा के समय चौका पूरा जाता है।
रंगोली बनाने में कुमकुम, चावल, आटा, हल्दी, फूल, पत्तियों और अनेक प्रकार के रंगों से बनाई जाती है। रंगोली बनाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अगर आपका घर का मुख पूरब दिशा में है तो दरवाजे पर रंगोली बनाए। आसपास अच्छे माहौल और मान-सम्मान में वृद्धि के लिए यहां अंडाकार डिजाइन में रंगोली बनायें। इसके अलावा आप लाल, पीला, हरा, गुलाबी, नारंगी आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। पूरब दिशा की ओर अंडाकार डिजाइन बनाने से जीवन में विकास के नए रास्ते खुलते हैं।
दीपावली के दिन दीपक जलाने का बहुत महत्व है, लेकिन दीया किस दिशा में तथा दिशा स्थान पर जलाया जाय यह खास महत्व रखता है। अखंड दीपक पूजा स्थल के आग्नेय कोण में रखा जाना चाहिए। इस दिशा में दीपक रखने से शत्रुओं पर विजय होती है। दीवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा के दीपक को उत्तर दिशा में रखने से घर धन से भरा रहता है। अगर मिट्टी का दीप जला रहें हैं, तो दीपक साफ होना चाहिए और कहीं से भी टूटा हुआ न हो। किसी भी पूजा में टूटा हुआ दीपक अशुभ माना जाता है। दीपक जलाने के लिए गाय के घी का इस्तेमाल करने से तो आस-पास का वातावरण रोगाणुमुक्त होकर शुद्ध हो जाता है। दीपक से हमें जीवन के उर्ध्वगामी होने, ऊंचा उठने और अज्ञानरूपी अन्धकार को मिटाने की प्रेरणा मिलती है।
आजकल शहरों में घरों में जगह कम होती है इसलिए घर के बाहर रंगोली बनाने के लिए जगह नहीं होती है। इसलिए आजकल पानी में रंगोली बनाने का चलन शुरू हो गया है। इसके लिए बर्तन में पहले तेल लगा लें उसके बाद उसमें पानी भर लें। फिर रंगोली का सामान सजा लें। इस तरह सामान पानी पर तैरता रहेगा और रंगोली बहुत सुंदर दिखती है।
Rangoli Increases the Beauty of Diwali Festival
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