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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Today Mahashivratri Festival महाशिवरात्रि का त्योहार आज है और अलसुबह से शिव भक्तों ने शिवालयों में पहुंचकर पूजा अर्चना शुरू कर दी है। दिल्ली, अंबाला या चंडीगढ़ या यूपी हो, देश के हर हिस्से शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लग गया है। मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भी लोग पहुंचे और भगवान शंकर की पूजा की। अब भी कई लोग कतारों में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। सब जगह दूध आदि से शिवलिंग का जलाभिषेक किया जा रहा है। इस त्योहार पर शिवलिंग पर बेल पत्र, पुष्प व भांग चढ़ाई जाती है।
महाशिवरात्रि पर ओंकारेश्वर मंदिर में सुबह सात बजे से विशेष पूजा-अर्चना शुरू चल रही है।। इसी के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि महाशिवरात्रि के त्योहार पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में रावल भीमाशंकर की मौजूदगी में पंचांग गणना से की जाएगी।
बालू कलाकार सुदर्शन पटनायक ने महाशिवरात्रि पर ओडिशा स्थित पुरी बीच पर 23,000 से ज्यादा रुद्राक्ष से भोले शंकर की मूर्ति बनाई। वहीं कलाकार एल ईश्वर राव ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में कागजों, सूखी मिट्टी व लकड़ी की डंडी से बोतल में शिवलिंग की मूर्ति बना दी। उसे यह मूर्ति बनाने में सात दिन लगे। ओडिशा में महाशिवरात्रि से कल से ही भुवनेश्वर के मशहूर लिंगराज मंदिर को लाइटों से सजाया गया है।
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हिमाचल प्रदेश का छोटी काशी के रूप में विख्यात मंडी शहर देव ध्वनि से गूंजायमान हो गया है। यह भव्य नजारा अब दस दिन तक चलता रहेगा। मंडी में सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 2 मार्च से आरंभ होगा जिसके लिए पूरे जिले की सभी घाटियों से ग्रामीण देवी देवताओं की पालकियां हजारों देवलुओं के साथ छोटी काशी पहुंचती हैं।
बड़ा देव कमरूनाग के मंडी पहुंचने पर देवी देवताओं का आना शुरू होता है। सोमवार को बड़ा देओ कमरूनाग दोपहर बाद मंडी शहर पहुंच गए और इसके साथ ही दर्जनों अन्य देवी देवताओं ने भी नाचते गाते सैंकड़ों देवलुओं व देव ध्वनि के साथ शहर में प्रवेश किया। बड़ादेव कमरूनाग के शुभ आगमन के साथ मंडी नगर में देव आस्था के महासमागम शिवरात्रि महोत्सव-2022 के कारज शुरू हो गए हैं।
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