309
Mysterious Scripts of World: मानव सभ्यता के विकास में भाषा सबसे अहम भूमिका निभाई है. भाषा ने न केवल संचार को संभव बनाया बल्कि विचारों, भावनाओं और संस्कृति को संरक्षित करने का भी कार्य किया. जहां आज दुनिया में हजारों भाषाएं बोली जा रही हैं, वहीं इतिहास में कई ऐसी भाषाएं और लिपियां भी रही हैं जिनके रहस्य अब तक नहीं रहस्य ही बने हुए है, इन्हें विज्ञान आज तक सुलझा नहीं पाई है. विद्वानों और भाषा वैज्ञानिकों ने इन्हें समझने की असंख्य कोशिशें कीं, फिर भी ये आज भी अनसुलझी पहेली बनी हुई हैं. आइए जानते हैं उन प्रमुख भाषाओं और लिपियों के बारे में, जिन्होंने इतिहासकारों और शोधकर्ताओं को लंबे समय से उलझा रखा है.
1. सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि (3300–1700 ईसा पूर्व)
दुनिया की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक, सिंधु घाटी सभ्यता ने एक समृद्ध नगर योजना और व्यापारिक व्यवस्था स्थापित की थी. इस सभ्यता की लिपि को इंडस स्क्रिप्ट कहा जाता है. इसमें लगभग 600 तरह के प्रतीक पाए गए हैं, जो मोहरों और मिट्टी की पट्टिकाओं पर अंकित हैं. हालांकि इन प्रतीकों को पढ़ने और इनके अर्थ को समझने में अब तक सफलता नहीं मिल पाई है. यही कारण है कि इस महान सभ्यता की संस्कृति और सामाजिक जीवन का बड़ा हिस्सा अब भी रहस्यमय है.
2. ओलम भाषा (3000–1500 ईसा पूर्व)
ओलम भाषा का उपयोग मध्य-पूर्व में हजारों वर्ष पहले होता था. ऐतिहासिक प्रमाण बताते हैं कि यह भाषा प्राचीन सभ्यताओं के बीच संपर्क और प्रशासनिक कार्यों में प्रयुक्त होती थी. समय बीतने के साथ यह सभ्यता समाप्त हो गई और इसके साथ ही ओलम भाषा भी इतिहास के अंधकार में खो गई. आज तक विद्वान इसकी संरचना और अर्थ को समझने में असफल रहे हैं.
3. क्रीट भाषा (कांस्य युग, लगभग 1800–1450 ईसा पूर्व)
ग्रीस के क्रीट द्वीप पर कांस्य युग में मिनोअन सभ्यता फली-फूली। इस सभ्यता में एक लिपि का प्रयोग होता था, जिसे लीनियर ए नाम दिया गया है. इसमें विभिन्न चित्र और चिह्न ध्वनियों को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होते थे. लगभग 75 साल पहले शोधकर्ताओं ने इसे समझने की कोशिश शुरू की थी, लेकिन अब तक यह कार्य अधूरा है. कुछ प्रतीकों का अर्थ अनुमानित किया गया है, लेकिन पूरी लिपि का रहस्य आज भी जस का तस है.
4. माया लिपि (2000 ईसा पूर्व–16वीं शताब्दी ईस्वी)
माया सभ्यता, जो मेसोअमेरिका में विकसित हुई थी, अपनी रहस्यमयी लिपि के लिए प्रसिद्ध है. माया लिपि चित्रात्मक संकेतों और प्रतीकों पर आधारित थी, जिसमें इतिहास, गणित और खगोल विज्ञान का ज्ञान संचित था. कई विद्वानों ने इस लिपि को समझने में आंशिक सफलता प्राप्त की है, लेकिन इसका पूर्ण अर्थ अभी भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सका है. माया लिपि की यही विशेषता इसे विश्व की रहस्यमयी भाषाओं में शामिल करती है.
5. रोंगोरोंगो भाषा (ईस्टर द्वीप, 13वीं शताब्दी से)
ईस्टर द्वीप अपने विशालकाय मोआई पाषाण प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यहां की रोंगोरोंगो लिपि भी उतनी ही रहस्यमयी है. लकड़ी की तख्तियों पर खुदे इन चिह्नों को पढ़ने की कई बार कोशिशें की गईं, किंतु आज तक इनका अर्थ स्पष्ट नहीं हो पाया. अधिकतर प्रतीक चित्रात्मक हैं और इन्हें किसी व्यवस्थित ध्वन्यात्मक पद्धति से जोड़ना कठिन साबित हुआ है.