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Endemic Species of India: भारत विविधता का खजाना है, यहां हिमालय की चोटियों से लेकर दक्षिण तक अनगिनत अनोखी प्रजातियां मिलेगी. इस वजह से भारत उन देशों में गिना जाता है, जहां कई ऐसे जीव पाए जाते हैं जो पूरी दुनिया में कहीं और नहीं मिलते. इन्हें स्थानिक प्रजातियां (endemic species) कहा जाता है.
6 जानवर जो भारत छोड़ कही नहीं दिखते
पृथ्वी के विकासक्रम में जब महाद्वीप अलग-अलग हुए, तब कई जीव-जन्तु अपने-अपने भूभाग में सीमित रह गए. यही कारण है कि आज कुछ प्रजातियां केवल एक ही देश या क्षेत्र में मिलती हैं. चीन का पांडा इसका उदाहरण है, और भारत का घड़ियाल भी. आइए जानते हैं भारत की ऐसी ही 6 दुर्लभ और विशिष्ट प्रजातियों के बारे में, जो केवल यहीं पाई जाती हैं और देश की प्राकृतिक धरोहर मानी जाती हैं.
1. एशियाई शेर (Asiatic Lion)
एशियाई शेर भारत की शान हैं। पूरी दुनिया में इनकी एकमात्र जंगली आबादी गुजरात के गिर जंगलों में पाई जाती है. यह अफ्रीकी शेर से छोटे और पतले अयाल (mane) वाले होते हैं. शेरों का आहार मुख्य रूप से हिरण और जंगली सूअर हैं. शुष्क वन और घासभूमि इनका पसंदीदा निवास स्थान है.
2. पिग्मी हॉग (Pygmy Hog)
यह दुनिया का सबसे छोटा जंगली सुअर है, जो कि असम के मानस राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती हैं. जिसकी ऊंचाई मात्र 25 सेंटीमीटर के आसपास होती है. छोटे पैरों और ठोस शरीर वाला यह जीव गंभीर रूप से संकटग्रस्त है. यह घास की जड़ों, कंदों और कीड़ों पर जीवित रहता है. असम के ऊँचे घास के मैदानों में ही इसकी मौजूदगी है.
3. नीलगिरि तहर (Nilgiri Tahr)
यह एक मजबूत और चट्टानों पर आसानी से चढ़ने वाला बकरा-नुमा जानवर है, जो तमिलनाडु और केरल की नीलगिरि पहाड़ियों पर पाई जाती है. घुमावदार सींग और भूरा-स्लेटी रंग इसका प्रमुख स्वरूप है. यह पहाड़ी घास और झाड़ियों पर निर्भर रहता है। आवास के नष्ट होने और शिकार की वजह से यह संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल है.
4. संगाई हिरण (Sangai Deer)
संगाई हिरण को “मणिपुर का नृत्य करता हुआ हिरण” भी कहा जाता है, क्योंकि यह तैरते हुए घास के मैदान (फुमदी) पर चलते समय नृत्य जैसा प्रतीत होता है। यह केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान, मणिपुर मे पाई जाती है, पतले शरीर वाला यह दुर्लभ हिरण घास और जल पौधों पर निर्भर करता है. यह गंभीर रूप से संकटग्रस्त है और मणिपुर की सांस्कृतिक पहचान भी है.
5. कश्मीरी हिरण (हंगुल)
हंगुल भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले लाल हिरण की एकमात्र उप-प्रजाति है. यह दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान, जम्मू-कश्मीर में पाई जाती है. इसके बड़े और आकर्षक सींग इसकी खास पहचान हैं. लाल-भूरे रंग का यह सुंदर हिरण घास, पत्तियों और झाड़ियों पर भोजन करता है. आवास खंडित होने के कारण इसकी संख्या तेजी से घट रही है.
6. मालाबार सिवेट (Malabar Civet)
यह एक दुर्लभ और रहस्यमयी स्तनपायी है, जिसका शरीर बिल्ली जैसा और पूँछ लंबी होती है। यह पश्चिमी घाट, केरल में पाया जाता है. गहरे रंग की फर पर धब्बे इसके स्वरूप को और विशिष्ट बनाते हैं. यह फल, छोटे स्तनधारी और पक्षियों का आहार करता है. माना जाता है कि आवास विनाश के कारण यह जंगली में लगभग विलुप्त हो चुका है.
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