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Explainer: डॉक्टर से ही जानिए, कौन‌ सा डॉक्टर सही, किसके पास कराएं इलाज, फेक होते हैं गूगल रिव्यू? किन चीजों का रखें ध्यान!

Choosing a Trustworthy Doctor: आज के समय में तो हर डॉक्टर के क्लीनिक के बाहर MBBS की नेमप्लेट लटक रही है. तो ऐसे में असली डॉक्टर को पहचानना बेहद मुश्किल है. आइए जानते हैं कि हम अपने लिए सही और अच्छे डॉक्टर का चुनाव कैसे कर सकते हैं.

Written By: Preeti Rajput
Edited By: shristi S
Last Updated: 2025-12-01 16:30:34

Choosing a Trustworthy Doctor: विचार कीजिए, आप काफी ज्यादा बीमार हैं और आधी रात हो रही है. गुगल बाबा आपको बता रहे हैं कि यह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. फिर आप किसी पास के डॉक्टर के पास दवा लेने पहुंते और वह आपसे कहें कि ये दवा लो और सब ठीक हो जाएगा, लेकिन अगले दिन आपकी हालत और ज्यादा खराब हो जाती है, फिर आप ICU में अपने आपको देखते हैं…डर लग रहा है न सोच कर भी. यही होता है जब आपको खुद के लिए डॉक्टर चुनना होता है तो आप पास में, सस्ता है या फिर पड़ोस के अंकल ने कहा इसलिए वहां चले गए. असल में डॉक्टर वो भगवान होता है, जो आपकी जान बचा भी सकता है और ले भी.

डॉक्टर पहले आपकी बीमारी को समझता है और फिर आपका इलाज करता है. आज के समय में तो हर डॉक्टर के क्लीनिक के बाहर MBBS की नेमप्लेट लटक रही है. तो ऐसे में असली डॉक्टर को पहचानना बेहद मुश्किल है. लेकिन आज एक डॉक्टर ने ही इस खबर में बताया है कि सही डॉक्टर आप किसी तरह से चुन सकते हैं. डॉक्टर अनुज कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी लोगों को दी है. आइए जानते हैं कि हम अपने लिए सही और अच्छे डॉक्टर का चुनाव कैसे कर सकते हैं. 



सही डॉक्टर का चुनाव कैसे करें

  • अगर कोई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर किसी क्लिनिक या हॉस्पिटल का प्रमोशन कर रहा है, तो वहां कभी न जाएं. याद रखें, मार्केटिंग का हर पैसा मरीज़ों पर खर्च होता है. अगर किसी क्लिनिक को पब्लिसिटी के लिए इन्फ्लुएंसर की ज़रूरत है, तो वहां के डॉक्टरों की क्वालिटी बहुत कम होगी.
  • ज़्यादातर Google रिव्यू नकली होते हैं. उन पर आँख बंद करके भरोसा न करें.
  • अगर डॉक्टर पूरी जानकारी नहीं देता है या नहीं दे सकता है: जैसे कि मरीज़ की बीमारी, यह क्यों हुई, इलाज के क्या ऑप्शन मौजूद हैं, और इलाज न कराने से क्या नुकसान हो सकता है, तो दूसरी राय लें.
  • अगर किसी डॉक्टर की अपनी फार्मेसी है, तो वे चाह सकते हैं कि आप उनकी दवा वहीं से खरीदें. यह ठीक है. लेकिन अगर वे कहते हैं, “आपको दवा यहीं मिल सकती है” या “आपको यहीं से लेनी होगी,” तो यह एक प्रॉब्लम है. इसलिए, अपना डॉक्टर बदल लें. इसी तरह, अगर कोई डॉक्टर कहता है कि सिर्फ़ उनकी लैब रिपोर्ट ही वैलिड हैं, तो ऐसे डॉक्टर से बचें.
  • उन लोगों से दूर रहें जो इलाज की गारंटी देते हैं. ज़्यादातर समय, वे स्कैमर निकलते हैं.
  • अगर कोई डॉक्टर सेकंड ओपिनियन की बात करने पर गुस्सा हो जाए, तो वह डॉक्टर अच्छा इंसान नहीं है.
  • अक्सर, खासकर ICU में गंभीर मरीज़ों के साथ, लोग अक्सर डॉक्टर से पूछते हैं कि वे कब ठीक होंगे. किसी भी डॉक्टर के पास इस सवाल का जवाब नहीं होता. वे भविष्य बताने वाले नहीं होते. अगर डॉक्टर मरीज़ की हालत और इलाज कैसे चल रहा है, यह साफ-साफ बता सकता है, तो ठीक है.
  • डॉक्टर की डिग्री ज़रूर चेक करें. प्रिस्क्रिप्शन पर डिग्री साफ-साफ लिखी होनी चाहिए.
  • इलाज के खर्च के बारे में ट्रांसपेरेंसी होनी चाहिए.
  • अगर डॉक्टर कोई टेस्ट या दवा लिखता है, तो क्यों पूछना न भूलें. एक अच्छा डॉक्टर हमेशा हर टेस्ट या दवा का मकसद बताएगा. ये सभी बातें प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर भी लागू होती हैं. सरकारी अस्पतालों में, डॉक्टर समय की कमी के कारण ज़्यादा समय नहीं दे पाते हैं, लेकिन उन्हें फिर भी बेसिक बातें समझानी चाहिए.

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