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Where Reptiles Disappear in Winter: सर्दियों का मौसम आते ही केवल इंसानों की दिनचर्या ही नहीं बदलती, बल्कि प्रकृति में रहने वाले जानवरों और सरीसृपों की दुनिया में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलता है. आपने अक्सर गौर किया होगा कि गर्मियों में दिखाई देने वाले सांप, मेंढक या छिपकलियां ठंड के मौसम में अचानक नज़र नहीं आते. क्या ये कहीं चले जाते हैं? या फिर सर्दी से बचने के लिए कोई खास तरीका अपनाते हैं? दरअसल, इसके पीछे प्रकृति का एक अनोखा रहस्य छिपा है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में हाइबरनेशन (Hibernation) कहा जाता है.
ठंड बढ़ते ही जीव क्यों गायब हो जाते हैं?
सर्दियों में जब तापमान बहुत नीचे चला जाता है, तो कई जीव-जंतु अपने शरीर का तापमान बनाए नहीं रख पाते. ऐसे जीवों को कोल्ड-ब्लडेड कहा जाता है, यानी इनका शरीर बाहरी तापमान पर निर्भर करता है. जैसे ही ठंड बढ़ती है, इनका शरीर ठंडा पड़ने लगता है. ऊर्जा की बचत और जीवित रहने के लिए ये जीव एक विशेष नींद जैसी अवस्था में चले जाते हैं, जिसे हाइबरनेशन कहा जाता है. इस दौरान इनका शरीर बेहद धीमी गति से काम करता है और ये कई हफ्तों या महीनों तक बिना खाए-पिए रह सकते हैं.
सांपों की सर्दियों की दुनिया
सांप थर्मोरेगुलेटरी जीव होते हैं, यानी वे अपने शरीर का तापमान खुद नियंत्रित नहीं कर पाते. सर्दियों में जब तापमान गिरने लगता है, तो वे ठंड से बचने के लिए किसी गर्म और सुरक्षित जगह की तलाश करते हैं. ये आमतौर पर चूहों या खरगोशों के बिलों, पेड़ों की जड़ों, पत्थरों की दरारों या मिट्टी के अंदर शरण ले लेते हैं. यही उनका हाइबरनेशन पीरियड होता है.
कोबरा, करैत, रसेल वाइपर और अजगर जैसे जहरीले और बड़े सांप भी इसी अवस्था में चले जाते हैं. हालांकि, कभी-कभी अजगर जैसे बड़े सांप हल्की धूप में अपने शरीर को गर्म करने के लिए बाहर निकलते देखे जा सकते हैं, लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है.
छिपकलियां, मेंढक और कछुए भी सो जाते हैं
सांपों के अलावा मेंढक, छिपकलियां, कछुए और घोंघे भी सर्दियों में हाइबरनेशन में चले जाते हैं. ये जीव पानी के किनारे या मिट्टी में खुदाई करके गहराई में छिप जाते हैं. सतना और उसके आसपास के इलाकों में कई बार देसी रूफ टर्टल को मिट्टी या तालाब के पास धूप सेंकते हुए देखा गया है, जिससे वे अपने शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ा सकें.
फिर कब जागते हैं ये जीव?
जैसे ही फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत में तापमान बढ़ना शुरू होता है, ये सभी जीव धीरे-धीरे अपनी हाइबरनेशन अवस्था से बाहर आने लगते हैं. इसके बाद ये अपनी सामान्य गतिविधियों में लौट आते हैं.
हालांकि, बरसात का मौसम इनके लिए फिर चुनौती बन जाता है. जब उनके बिल या छिपने की जगहों में पानी भर जाता है, तो ये मजबूर होकर बाहर निकलते हैं, और अक्सर इंसानी इलाकों में दिखाई देने लगते हैं.
हालांकि, बरसात का मौसम इनके लिए फिर चुनौती बन जाता है. जब उनके बिल या छिपने की जगहों में पानी भर जाता है, तो ये मजबूर होकर बाहर निकलते हैं, और अक्सर इंसानी इलाकों में दिखाई देने लगते हैं.