दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर
स्विस वायु गुणवत्ता फर्म IQAir की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के टॉप 20 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के तीन शहर शामिल हैं. यह सूची इस प्रकार है:
- दिल्ली, भारत – वाहनों, उद्योगों और पटाखों के कारण अत्यधिक प्रदूषण.
- लाहौर, पाकिस्तान – ट्रैफिक, पराली जलाना और औद्योगिक उत्सर्जन से गंभीर स्मॉग.
- कुवैत सिटी, कुवैत – धूल के तूफान और औद्योगिक प्रदूषण.
- कराची, पाकिस्तान – वाहनों और शहरी भीड़ के कारण वायु गुणवत्ता खराब.
- मुंबई, भारत – ट्रैफिक, निर्माण और दिवाली के बाद प्रदूषण उच्च स्तर पर.
- ताशकंद, उज़्बेकिस्तान – औद्योगिक उत्सर्जन से वायु प्रदूषण.
- दोहा, कतर – रेगिस्तान की धूल और शहरी प्रदूषण.
- कोलकाता, भारत – वाहनों, उद्योगों और निर्माण धूल के कारण उच्च AQI.
- कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया – मौसमी जंगल की आग से वायु प्रदूषण.
- जकार्ता, इंडोनेशिया – ट्रैफिक और औद्योगिक गतिविधियों के कारण वायु प्रदूषण.
- ढाका, बांग्लादेश – जनसंख्या घनत्व और औद्योगिक गतिविधियों से हानिकारक वायु.
- चेंग्दू, चीन – औद्योगिक और वाहन उत्सर्जन.
- बीजिंग, चीन – कोयला जलाना, ट्रैफिक और उद्योगों से लगातार स्मॉग.
- चंडीगढ़, भारत – त्योहारों के बाद स्मॉग और वाहनों का उत्सर्जन.
- बगदाद, इराक – धूल के तूफान और शहरी उत्सर्जन.
- तेहरान, ईरान – औद्योगिक और ट्रैफिक प्रदूषण.
- कराज, ईरान – औद्योगिक क्षेत्र में उच्च PM2.5 स्तर.
- शिजियाझुआंग, चीन – कोयला और औद्योगिक गतिविधियों से प्रदूषण.
- रियाध, सऊदी अरब – रेगिस्तानी धूल और शहरी उत्सर्जन.
- काठमांडू, नेपाल – बढ़ती वाहन संख्या और शहरीकरण से वायु गुणवत्ता खराब।
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली प्रदूषण में सबसे आगे है, जबकि मुंबई पांचवें और कोलकाता आठवें नंबर पर है. भारत में दिवाली के बाद यह आंकड़े सामने आए हैं, जब पूरे देश में लाखों लोग पटाखों की बिक्री और फोड़ने में व्यस्त थे. पटाखे वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण माने जाते हैं और हर साल दिवाली के बाद AQI में गिरावट देखी जाती है.
सुप्रीम कोर्ट के नियम और पालन का अभाव
सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के लिए दिल्ली-NCR में केवल ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति दी थी. कोर्ट के अनुसार पटाखे केवल शाम 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे के बीच ही फोड़ने की अनुमति थी. लेकिन लोगों ने नियमों का पालन नहीं किया और 18 से 21 अक्टूबर तक पटाखे जलाते रहे, जिससे हवा की गुणवत्ता और बिगड़ गई. विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की आबोहवा पर नियंत्रण के लिए आवश्यक है कि लोग निर्देशों का पालन करें और प्रदूषण को कम करने के लिए सामूहिक प्रयास करें. दिवाली के दिन ग्रीन पटाखों का उपयोग करना और निर्धारित समय सीमा का पालन करना ही प्रदूषण को नियंत्रित करने का एकमात्र उपाय है.