डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़:
Dengue Case in Haryana: कोरोना के बाद डेंगू के नए केसिज निरंतर रिपोर्ट हो रहे हैं और इसके चलते हर किसी की परेशानी बढ़ गई हैं। 2015 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि इतने बड़े स्तर पर डेंगू के केस रिपोर्ट हो रहे हैं और हालात बेहद ही चिंताजनक हो गए हैं इसको देखते हुए केंद्र की तरफ से प्रदेश में टीमें भेजी गई हैं जो कई जिलों का दौरा कर रही हैं। पंचकूला में 6 नवंबर को टीम सर्वे कर चुकी हैं तो 8 को फतेहाबाद जिले का दौरा किया और 9 नवंबर को टीम फतेहाबाद में रहेगी।
इसके बाद 10 नवंबर को टीम का दौरा सिरसा में प्रस्तावित है। टीम के साथ राज्य के स्वास्थ्य विभाग के संबंधित विभाग के एक्सपर्ट्स और अधिकारी हैं। ऐसे में दोनों टीमें बीमारी फैलने के कारणों को जानने से लेकर इस पर नियंत्रण को लेकर सर्वे कर रही हैं। वहीं ये भी बता दें कि सरकारी अस्पतालों में 37 सिंगल डोनर प्लेटलेट्स( एसडीपी) मरीजों को ट्रांसफ्यूज की जा चुकी है और 57 सेक्शन में आईआरएस कंप्लीट किया जा चुका है।
इस साल डेंगू के चलते अब तक 3 मरीजों की मौत हो चुकी है और इससे पहले 2015 में ही बीमारी के चलते 13 मरीजों की मौत हुई थी। बता दें 2016 से लेकर 2020 तक बीमारी के चलते कोई भी कैजुअलटी रिपोर्ट नहीं हुई है। लेकिन इस साल 7 नवंबर 3 मरीजों की मौत के चलते हड़कंप मच गया है क्योंकि बीमारी 2015 की तरह भयावह रूप धारण करने लगी है।
बता दें कि 2015 से लेकर अब तक 7 साल की अवधि में सबसे ज्यादा 9921 2015 में ही रिपोर्ट हुए थे। इसके बाद केसिज की संख्या घटती गई है। 2017 में एक बाद बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। लेकिन 2021 में अब तक 7224 नए मामले रिपोर्ट चुके हैं और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए नए केसिज निरंतर सामने आने से मना नहीं किया सकता है।
अब तक जितने भी मरीज रिपोर्ट हुए हैं, उनमें से 4674 सरकारी अस्पतालों द्वारा कंफर्म किए हैं तो प्राइवेट अस्पतालों में 2250 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। फिलहाल प्रदेश में 27 डेंगू लैब हैं। कम से कम हर जिले में एक लैब है जहां बीमारी की टेस्टिंग की सुविधा है। पिछले कुछ समय से हर रोज औसतन 100 से भी ज्यादा केस रिपोर्ट हो रहे हैं। इसी कड़ी में ये भी बता दें कि सरकारी अस्पतालों में फ्री सिंगल डोनर प्लेटलेट्स का प्रावधान किया गया है और इससे पहले इसके लिए सरकारी अस्पतालों में 8500 रुपए पर यूनिट एसडीपी फीस ली जा रही थी।
प्रदेश के आधा दर्जन जिले ऐसे हैं जो डेंगू के डंक से बुरी तरह से प्रभावित हैं। फतेहाबाद में उपरोक्त अवधि तक 805 मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं को खराब होती स्थिति के बारे में साफ संकेत है। इसके बाद पंचकूला में 676 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। इसके बाद सोनीपत में 602 और हिसार में 580 लोग बीमारी की चपेट में आए हैं। वहीं सिरसा में 528 लोगों को डेंगू से संक्रमित पाया गया है। कैथल में 488 केस रिपोर्ट हुए हैं।
इन जिलों पर स्वास्थ्य विभाग निरंतर फोकस कर रहा है। वहीं अन्य जिलों की बात करें तो भिवानी में, 203, चरखी दादरी 267, फरीदाबाद 257,गुरुग्राम 265, झज्जर 208, जींद 314, करनाल 146, कुरुक्षेत्र 116, महेंद्रगढ़ 143, नूंह 343, पानीपत 154, रेवाड़ी 230, रोहतक 220 और यमुनानगर में अब तक 192 केस रिपोर्ट हुए हैं। इन जिलों में भी नए केसिज लगातार बढ़ रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ मलेरिया और चिकनगुनिया को लेकर स्थिति नियंत्रण में है। मलेरिया के अब तक 51 ही केस सामने आए हैं।। वहीं चिकनगुनिया के इस साल 10 केस रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा जापानी बुखार से संक्रमण का कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है। ये भी बता दें कि इन बीमारी से कोई कैजुअलटी भी नहीं है। वहीं ये भी बता दें कि लोगों का लापरवाही भरा रवैया नई केसिज के मुख्य कारण के रूप में सामने आ रहा है। लोग साफ सफाई नहीं रख रहे हैं और उनके घरों के आस पास खड़े पानी में लारवा मिल रहा है। लोगों को नोटिस भी दिए जा रहे हैं लेकिन लोग नहीं मान रहे हैं।
वीबीडीन के डिप्टी डायरेक्टर डॉ राकेश सैनी का कहना है कि जो जिले डेंगू के चलते ज्यादा प्रभावित हैं, उनमें सर्वे किया जा रहा है ताकि बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। केंद्र की टीम के साथ राज्य के स्वास्थ्य विभाग की टीम संयुक्त रूप मिलकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा अस्पतालों में मरीजों के इलाज को लेकर जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि उनको किसी तरह की परेशानी ना आए।
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