चंडीगढ़। E Adhigam Scheme Haryana: हरियाणा सरकार स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) को वर्ष 2025 तक लागू करने का निर्णय लिया गया है। जबकि इस नीति को देशभर में वर्ष 2030 तक लागू किया जाना है। इसके अलावा स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर, बिल्डिंग, फर्नीचर, चारदीवारी, सुंदरता, स्वच्छता, रास्ते, पानी और शौचालय की व्यवस्था को लेकर चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है।
बजट में अकेले 20 हजार करोड़ रुपए शिक्षा पर खर्च किए जा रहे : मुख्यमंत्री मनोहर लाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM manohar Lal) ने कहा कि हरियाणा अपने बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा शिक्षा क्षेत्र पर खर्च करता है। E Adhigam Scheme Haryana के तहत छात्रों का भविष्य संवारा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार के बजट में अकेले 20 हजार करोड़ रुपए शिक्षा पर खर्च किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किए जा रहे हैं, जिसके लिए बजट की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र के लिए दो टास्क फोर्स बनाई जा रही है जो स्कूलों में सभी तरह की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करेंगी।
स्मार्ट क्लासरूम और आधुनिक डेस्क से निखार रहे शिक्षा का स्तर
हरियाणा सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार प्रदेश के स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और आधुनिक डेस्क आदि उपलब्ध करवाकर शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार एक साल के अंदर हरियाणा के सभी स्कूलों में ड्यूल बेंच की व्यवस्था करने जा रही है। सरकार ने हाल ही में ‘ई-अधिगम’ योजना का शुभारंभ करते हुए सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित कर शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का सूत्रपात किया है।
छात्रों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने को हरियाणा सरकार कटिबद्ध
प्रवक्ता ने बताया कि करनाल के गांव मंचूरी के स्कूल में छात्रों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्कूल में जल्द ही तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवा दी जाएंगी। स्कूल में अध्यापकों की कमी को भी जल्द पूरा किया जाएगा।
अध्यापकों की कमी को जल्द पूरा करेंगे
प्रवक्ता ने बताया कि विभाग द्वारा पिछले 6 वर्षों से ऑनलाइन माध्यम से ही शिक्षकों की ट्रांसफर की जाती है लेकिन पिछले दो वर्षों से अध्यापकों की ऑनलाइन ट्रांसफर में बाधा आ रही थी जिसका मुख्य कारण इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में लंबित मामले थे। उन्होंने कहा कि विभाग के आग्रह के बाद अब उच्च न्यायालय ने इस रोक को हटा दिया है। अध्यापकों की पूर्ति के लिये विभिन्न पहलुओं पर काम चल रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि गर्मी की छुट्टियों के बाद जुलाई में जब स्कूल खुलेंगे तब तक अध्यापकों की कमी को पूरा कर दिया जाएगा और बाकि सुविधाएं भी उपलब्ध करवा दी जाएंगी।