डा. रविंद्र मलिक, चंडीगढ़ न्यूज। गत दिनों हरियाणा सरकार (Haryana governmen) ने साल 2022-23 के लिए नई आबकारी नीति (Excise Policy of Haryana) की घोषणा की। इस दौरान सामने आया कि वर्ष 2021-22 में साल 2000-2021 की तुलना में आबकारी राजस्व (excise revenue) के रूप में करीब 1140 करोड़ रुपए ज्यादा प्राप्त हुए और नई आबकारी नीति (New Excise Policy Haryana) के तहत सरकार ने शराब पर आयात शुल्क (import duty on alcohol) भी कम कर दिया है और इस काम से जुड़े लोगों को कई तरह की सहूलियत दी हैं।
आबकारी शुल्क (excise duty) से जो कमाई होती है वह सरकारी खजाने का एक बड़ा हिस्सा है। लेकिन साथ में यह चर्चा और सबके लिए जिज्ञासा का विषय रहता है कि हरियाणा में कितने फीसद लोग शराब का सेवन करते हैं (What percentage of people consume alcohol in Haryana)।
इसी कड़ी में सामने आया है कि हरियाणा में करीब 18 फीसद लोग शराब के शौकीन है। इसका खुलासा हुआ नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (National Family Health Survey-5) में जो कि साल 2019 से लेकर 2021 के बीच कंडक्ट किया गया और इसकी फाइंडिंग अभी जारी की गई हैं।
हरियाणा में शराब का सेवन करने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। नेशनल हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में 17.9 फीसद लोग शराब का सेवन करते हैं।
आंकड़ों से साफ है कि प्रदेश की आबादी का करीब पांचवा हिस्सा शराब का आदी है और प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य के बारे में साफ संकेत दे रहा कि भविष्य में उनको कई तरह की दिक्कत हो सकती।
हालांकि पड़ोसी राज्यों की तुलना में हम कहीं सुखद स्थिति में है। प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ (Capital Chandigarh) में शराब पीने वालों का आंकड़ा 26.4 फीसद है।
वहीं देश की राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) में लाल परी के शौकीन लोगों का आंकड़ा 27.9 फीसद है। साथ ही हरियाणा से सटे हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में शराब पीने वाले लोग 31.9 फीसद है जो कि पड़ोसी राज्यों में सबसे ज्यादा है।
पंजाब (Punjab) में 27.5 फीसद लोग शराब का सेवन करते हैं। वहीं दूसरी तरफ यह बता दें कि पिछले साल हरियाणा सरकार ने आबकारी नियम में संशोधन करते हुए शराब पीने की न्यूनतम आयु सीमा 25 साल से 21 साल कर दी थी।
यूं तो शराब का चलन पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली से सटे हरियाणा के गुड़गांव, फरीदाबाद और अन्य कई जिलों में महिला वर्ग के बीच शराब का शौक निरंतर बढ़ रहा है।
लेकिन पुरुषों की तुलना में प्रदेश में शराब पीने वाले महिलाओं का आंकड़ा बेहद कम है जो कि राहत वाली बात है। नेशनल हेल्थ सर्वे के अनुसार हरियाणा में 0.1 फीसद महिलाएं ही शराब पीती हैं।
नेशनल हेल्थ सर्वे के ओवरआल आंकड़ों में सामने आया कि देश भर में 35 साल से 49 साल की आयु के 30 फीसद लोग शराब का सेवन करते हैं। वही क्रिश्चियन समुदाय के 36 फीसद योगी सर्वाधिक है लोग शराब पीते हैं।
वहीं महिलाओं की बात करें तो स्केड्यूल ट्राइब यानी कि पिछड़ी जनजातियों में 4 फीसद महिलाएं शराब का सेवन करती हैं तो वहीं इस जनजाति के 34 फीसदी लोग शराब का सेवन करते हैं।
पीने वाले पुरुषों की बात करें तो कुल में से स्कूलिंग से 5 साल पहले ही 33 फीसद लोग शराब का सेवन को शुरू कर देते हैं। यह भी बता दें कि जहां देश भर में 22 फीसद लोग शराब पीते हैं तो ही मैसेज 17 फीसद ऐसे हैं जो हर रोज शराब का सेवन करते हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा जारी की गई नई आबकारी नीति के अनुसार इस बार पिछले साल की तुलना में करीब 20 फीसद ज्यादा आबकारी राजस्व का टारगेट रखा गया है। आबकारी नीति 12 जून 2022 से आरंभ होकर 11 जून 2023 तक लागू रहेगी।
साल 2020-21 में 6791.98 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2021-22 में 7938.8 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व एकत्र हुआ है, जो 17 प्रतिशत अधिक है। साल 2022-23 में शराब के सस्ती होने के बावजूद चोरी रुकने से राजस्व में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
प्रदेश सरकार ने वाइन पर आयात शुल्क को सात रुपये से घटाकर दो रुपये प्रति बोतल कर दिया गया है। अब राज्य में शराब बनाने का कारखाना (brewery) स्थापित करना भी आसान होगा। इसके लिए पहले जो लाइसेंस फीस 15 लाख रुपये लगती थी, उसे घटाकर मात्र एक लाख रुपये कर दिया गया है।
आयातित विदेशी शराब पर वैट 10 प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत और देशी शराब, वाइन, बीयर और आइएमएफएल (IMFL) पर 13 व 14 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है। हरियाणा सरकार ने नई आबकारी पालिसी में बार लाइसेंस के शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के कुछ जिले ऐसे हैं जहां पर ड्रग्स युवाओं के बीच में तेजी से पैर पसार रहा है पंजाब से सटे हरियाणा (drugs in Haryana) के मुख्य रूप से फतेहाबाद और सिरसा में दिन-ब-दिन हालात खराब होते जा रहे हैं।
बता दें कि पुरुष ही नहीं महिलाएं भी इसकी आदि हो रही है पिछले कुछ महीने में अकेले फतेहाबाद से करोड़ों रुपए की हैरोइन पकड़ी जा चुकी है जो सबके लिए चिंता का विषय बन गया।
पुलिस के अनुसार रोकने के सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। हालांकि पुलिस निरंतर नशे की खेप पकड़ रही है लेकिन युवाओं के बीच नशा निरंतर फैलता जा रहा है।
इस बारे में लोगों को जागरूक किए जाने की जरूरत है कि शराब का सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि उनके परिवार के लोगों पर भी बुरा असर डालता है। शराब के सेवन से कई तरह की बीमारियों को खुला निमंत्रण मिलता है जो आगे जाकर जानलेवा भी साबित हो सकता है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इससे सामाजिक दिक्कतें पैदा होती हैं और अन्य लोगों में गलत संदेश जाता है जरूरत है कि इस पर अंकुश लगाया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियां भी सुरक्षित रहें।
डॉक्टर सोनू, एक्सपर्ट, पीजीआई।
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