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राकेश टिकैत ने कहा.. सरकार आंदोलन को करनाल में शिफ्ट करने पर तुली
करनाल से रमेश सरोए की रिपोर्ट
करनाल। Karnal Kisan Mahapanchayat बसताड़ा टोल प्लाजा घरौंडा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों द्वारा जिला सचिवालय का घेराव बुधवार को जारी रहा। 36 घंटे बीत जाने के बाद भी किसानों ओर प्रशासन के बीच पनपा विरोध दूर नहीं हो पाया। जहां प्रशासन गतिरोध को दूर करने के लिए लगातार प्रयास करता रहा, वहीं किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक सिर फोड़ का आदेश देने वाले अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कर सस्पेंड नहीं किया जाता। तब तक जिला सचिवालय के समक्ष किसान पक्का मोर्चाबंदी कर आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने प्रशासन को स्पष्ट कर दिया कि आगे बातचीत के लिए बुलावा तब भेजना, जब अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया जाए और उसे सस्पेंड कर दिया जाए। इसके बिना बातचीत के लिए बुलावा न भेजा जाए।
संयुक्त किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार चाहती है कि दिल्ली के बार्डरों पर जो तीन कृषि कानूनों को लेकर धरना चल रहे हैं, वे करनाल में शिफ्ट हो जाए। आंदोलन लंबा चलेगा, दिल्ली ओर करनाल में चलेगा। सरकार-प्रशासन अधिकारी का बचाव कर रही है, उसके खिलाफ कार्यवाही को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकारी के खिलाफ केस व सस्पेंड किए बिना कैसी जांच? आंदोलन लंबा चलेगा, इसी स्थान पर चलेगा। आंदोलन शांतिपूर्वक चलेगा। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि जनता को किसी भी तरह से परेशानी नहीं होनी चाहिए।
सरकार की मंशा यही है कि आंदोलन के कारण जनता को परेशानी हो ओर आंदोलन बदनाम हो। उन्होंने कहा कि आंदोलन में संयुक्त मोर्चा के नेता आते रहेंगे। वीरवार को जोगिंद्र उंगराहा जत्थेबंदियों के साथ करनाल आंदोलन में आएंगे।
राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन चाहता है कि आंदोलन हिंसक हो जाए। उन्होंने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्वक रहेगा। पिछले करीब 10 माह से किसान शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं, आंदोलन लंबा चलेगा ओर शांतिपूर्वक चलेगा। उनके आंदोलन के कारण किसी को कोई परेशानी नहीं होगी। जिला सचिवालय में जनता अपने काम करवाने आएं, उन्हें क्या दिक्कत हैं। मेन गेट का ताला भी प्रशासनिक अधिकारियों ने लगाया है।
योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार किसानों की एक भी मांग मानने को तैयार नहीं है। किसानों की प्रमुख मांग थी कि अधिकारी के खिलाफ पर्चा दर्ज हो, लेकिन सरकार की ऐसा नहीं करना चाहती। सरकार को सत्ता का नशा चढ़ा हुआ है। किसानों का आंदोलन यहीं पर चलेगा। प्रशासन ने दूसरी जगह पर प्रदर्शन करने का आॅफर दिया था, जो हमें स्वीकार नहीं। जिला सचिवालय के सामने जहां पर धरना चल रहा है, वहीं पर चलेगा।
इन किसान प्रतिनिधियों ने की प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत
किसान प्रतिनिधियों में संयुक्त किसान मोर्चो के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, योगेंद्र राणा, किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, बलदेव सिरसा, सुरेश कौथ, रामपाल चहल, अजय राणा, जगदीप ओलख, इंद्र सिंह, जोगिंद्र घासी नैन, विकास सिसल, स. गुरमुख सिंह सहित अन्य शामिल रहे। करीब 3 घंटे लम्बी चली बातचीत बिना किसी नतीजे के एकबार फिर विफल हो गई।
किसान आंदोलन पर प्रशासनिक अधिकारी ड्रोन की मदद से हर स्थिति पर नजर रखे हुए है ताकि होने वाली हर अप्रिय घटना को रोका जा सके। वहीं पुलिस प्रशासन से जुड़े कर्मचारी सिविल वर्दी में किसानों के बीच में मिले हुए है ताकि हर किसानों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा सके।
नेशनल हाइवे से जाट भवन की ओर आने वाले रास्ते को खुलवाने को लेकर किसानों ने जमकर हंगामा किया। किसान नेताओं ने कहा कि जाट भवन की ओर आने वाला ये मुख्य रास्ता है। यहां पर हरियाणा-पंजाब से काफी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं, लेकिन पुलिस ने बेवजह रास्ता बंद किए हुए हैं। जिससे परेशानी हो रही है। किसानों के विरोध को देखते हुए प्रशासन ने रास्ते में खड़े भारी वाहनों को हटवा दिया। जिससे रास्ता खुल पाया ओर किसानों सहित अन्य लोगों ने राहत की सांस ली।
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