संबंधित खबरें
कैसा रहा Om Prakash Chautala का सियासी सफर? किस्से सुनकर रह जाएंगे हैरान
Om Prakash Chautala Death: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का हुआ निधन! राजनीति में शोक की लहर
नहीं सहेगा राजस्थान, कांग्रेस का BJP पर हमला, सरकार के वादों की पोल खोलने का अभियान"
गोलीकांड में बाल-बाल बचे सुखबीर सिंह बादल को क्यों हुई धार्मिक सज़ा? जानें क्या थी वजह
Jind News: जींद में पराली जलाने पर 163 किसानों पर FIR, 3.45 लाख का जुर्माना वसूला
Haryana Crime News: गन्नौर में तेज रफ्तार ट्रक ने कंटेनर को मारी टक्कर, 2 घायल
-प्रदेश की 22 में से मात्र 1 यूनिवर्सिटी ही जगह बना पाई
-पैमाने पर खरा नहीं उतरा कोई हायर एजुकेशन शिक्षण संस्थान
डॉ. रविंद्र मलिक
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
हरियाणा की यूनिवर्सिटीज द्वारा पढ़ाई के मामले में वैश्विक स्तर पर आसमान छूने के दावे हर बार किए जाते हैं और हमेशा होता इसके विपरीत ही रहा है। विश्व की प्रतिष्ठित रेटिंग वाली यूनिवर्सिटीज व शिक्षण संस्थानों के सामने हम कहीं नहीं ठहर पाते। कई बार तो जगह ही नहीं मिलती तो कई बार खुद शिक्षण संस्थानों द्वारा रैंकिंग में न आने के डर के चलते आवेदन ही नहीं किया जाता। इस बार जारी हुई टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) वर्ल्ड रैंकिंग 2022 में भी कमोबेश वैसी ही स्थिति रही। प्रदेश की महज एक गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (जीजेयूएसटी), हिसार इसमें जगह बना पाई। हरियाणा में 21 राज्य और 1 सेंट्रल यूनिवर्सिटी है। इसके बावजूद स्थिति शर्मनाक बनी हुई है। ये अपने आप में प्रश्न है कि ऐसा निरंतर क्यों हो रहा है, क्यों हमारा शिक्षण स्तर व अन्य पैमाने निरंतर नीचे जा रहे हैं। अगर ऐसा है तो इन कमियों को दूर करने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे। विश्व रैंकिंग में मुख्य रूप से कहीं नहीं खड़े होने के मुख्य रूप से दो ही कारण हैं- या तो हम इसमें कहीं आ न पाने के डर से आवेदन नहीं करते या फिर इसके पैमानों मुख्य रूप से रिसर्च, शिक्षण और इंटरनेशनल आउटलुक में हम खरे नहीं उतरते।
बता दें कि टाइम्स एजेंसी ने देशभर के कुल 89 संस्थानों को रैंकिंग में शामिल किया था और इनमें से 71 संस्थान रैंकिंग में स्थान बनाने में सफल रहे। लेकिन हरियाणा एक जीजेयू, हिसार( 1001-1200) को छोड़कर इसमें किसी का कोई स्थान नहीं है। दुनियाभर से 99 देशों के 1600 यूनिवर्सिटी को रैंकिंग में शामिल किया गया था।
अगर हम हायर एजुकेशन की बात करें तो पड़ोसी राज्यों की यूनिवर्सिटी व शिक्षण संस्थान हमसे कहीं बेहतर स्थिति में नजर आते हैं। पंजाब, दिल्ली, यूपी के कई शिक्षण संस्थान और यूनिवर्सिटी हैं जो हर साल कई विश्व रैंकिंग में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। यूपी की बीएचयू जहां रैंकिंग में 601 से 800 रैंक के बीच है तो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी 801 से 1000 पायदान के बीच है। यूपी की जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी 1001 से 1200 के बीच है। इसके अलावा देश की राजधानी व प्रदेश से सटे दिल्ली की बात करें तो यहां से कई संस्थान रैंकिंग में जगह बनाने में सफल रहे हैं। दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी, इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट आॅफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय तीनों की रैंकिंग 601 से 800 के बीच है। दिल्ली यूनिवर्सिटी ( डीयू) 801 से 1000 के बीच पायदान पर है। प्रदेश की राजधानी और यूटी चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी भी रैंकिंग में 601 से 800 के बीच है। पंजाब की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और थापर यूनिवर्सिटी भी जगह बनाने में सफल रहे हैं। वहीं राजस्थान से बिरला इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस, पिलानी 801 से 1000 रैंक के बीच है।
प्रदेश की कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी सबसे पुरानी है, लेकिन स्थिति कोई ज्यादा ठीक नहीं है। रोहतक स्थित एमडीयू की हालत भी कमोबेश ऐसी ही है। इसके अलावा एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय सेंट्रल यूनिवर्सिटी आॅफ हरियाणा की स्थिति भी जुदा नहीं है। इसके अलावा बहुत सारे टेक्नीकल व विषय आधारित जैसे कि हेल्थ, मैनेजमेंट और एग्रीकल्चर आधारित हायर एजुकेशन शिक्षण संस्थान भी हैं, लेकिन हम खुद को कहीं खड़ा नहीं पाते। हां इतना जरूर है कि ये कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है कि हम एमएचआरडी द्वारा हर साल होने वाली रैंकिंग में फाइट करते हैं और यहां भी हरियाणा के संस्थान देश में कोई ज्यादा बेहतर स्थिति में नहीं हैं।
किसी भी इंटरनेशनल रैंकिंग में मुख्यत: पैमानों में रिसर्च, शिक्षण, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि, इंडस्ट्री से होने वाली इंकम और टीचर-स्टूडेंट्स का रेशो देखा जाता है। रिसर्च की बात करें तो यहां प्रदेश के विश्वविद्यालयों को कड़ी मेहनत की जरूरत है। यहां हमारी परफोरमेंस औसतन भी नहीं है। कमोबेश यही स्थिति शिक्षण के मामले में है। इसके अलावा प्रदेश के शिक्षण संस्थान इंटरनेशनल आउटलुक के पैमाने पर भी कहीं नहीं खड़े हो पाते। यहां पढ़ रहे विदेशी छात्रों की बात करें तो स्थिति करीब करीब नगण्य है। इसके अलावा रिसर्च आधारित इंडस्ट्री रेवेन्यू भी कोई खास नहीं है।
रैंकिंग में जगह बनाने वाले अगर देश के टॉप शिक्षण संस्थानों की बात करें तो इसमें पहले स्थान पर इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस, बैंगलोर (301-350) है। इसके बाद आईआईटी रोपड़ की रैंकिंग 351-400 के बीच है। जेएएस एकेडमी आॅफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च भी इसी स्थान पर है। आईआईटी इंदौर 401-500 स्थान के बीच में है। अलगप्पा यूनिवर्सिटी और थापर यूनिवर्सिटी की रैंकिंग 501-600 पायदान के बीच में है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और इंस्टीट्यूट आॅफ केमिकल इंजीनियरिंग और दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी 601 से 800 पायदान के बीच है।
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. एसएन सचदेवा का कहना है कि वैश्विक स्तर पर बहुत सारी रैंकिंग हैं। फिलहाल उनका फोकस एनआईआरएफ रैंकिंग पर है। आने वाले समय में वो अन्य के लिए आवेदन करेंगे।
इसी प्रकार चौधरी देवी साल यूनिवर्सिटी, सिरसा के वीसी प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने कहा कि हम लगातार बेहतर कर रहे हैं और आगे से रैंकिंग के लिए आवेदन करेंगे। इसी दिशा में संस्थान ने बीएससी (मैथ, फिजिक्स व डाटा साइंस) चार वर्षीय कोर्स शुरू किए हैं। इसके अलावा बीए डिजिटल जर्नलिज्म भी प्रारंभ किया है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.