India News Haryana (इंडिया न्यूज),Health Tips: क्या शरीर में कहीं भी गाँठ या रसौली ने परेशान कर रखा है? ऑपरेशन के डर से घबरा रहे हैं? तो रुकिए! आयुर्वेद की इस जानलेवा गाँठ को चुटकी में गलाने वाली चमत्कारिक रेसिपी को जानने के बाद आपका डर गायब हो जाएगा। यहां हम बता रहे हैं वो सस्ता और आसान नुस्खा जो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की गाँठ को भी धीरे-धीरे पिघला सकता है।
पंसारी की दुकान से मिलने वाली दो जड़ी-बूटियों – कचनार की छाल और गोरखमुंडी– को मिलाकर बनाएं ये काढ़ा। कचनार के पेड़ की टहनी की छाल (1-2 इंच मोटी) लें। सूखी छाल हो तो 15 ग्राम, ताजी हो तो 25-30 ग्राम। इसे मोटा कूटकर 1 गिलास पानी में 2 मिनट उबालें। फिर इसमें 1 चम्मच कुटी हुई गोरखमुंडी डालकर 1 मिनट और उबालें। छानकर गुनगुना पिएं।
हालांकि यह काढ़ा कड़वा लगेगा, लेकिन इसके चमत्कारी असर के आगे सारी परेशानियां फीकी पड़ जाएंगी। चाहे प्रोस्टेट बढ़ा हो, थायरॉइड की गाँठ (Goiter) हो, स्तन में गाँठ हो या लिपोमा (चर्बी की गाँठ), यह नुस्खा 20-25 दिन में असर दिखाना शुरू कर देता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कचनार की छाल गाँठ को घोलने में मास्टर है, तो गोरखमुंडी इम्यूनिटी बूस्ट करती है।
इस नुस्खे से न सिर्फ गाँठ पिघलेगी, बल्कि शरीर की गंदगी भी साफ होगी। तो क्यों न आज ही शुरू करें ये आयुर्वेदिक इलाज? अगर कामयाबी मिली तो दोस्तों को भी शेयर करें, हो सकता है आपकी एक शेयर किसी की जान बचा दे, इसके अलावा आपके बता दें, गाँठ के साथ बुखार या वजन कम हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। वहीँ सावधानी बरतने वाले बात ये है कि, 40 की उम्र के बाद शरीर में किसी भी नई गाँठ को नजरअंदाज न करें।