संबंधित खबरें
कैसा रहा Om Prakash Chautala का सियासी सफर? किस्से सुनकर रह जाएंगे हैरान
Om Prakash Chautala Death: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का हुआ निधन! राजनीति में शोक की लहर
नहीं सहेगा राजस्थान, कांग्रेस का BJP पर हमला, सरकार के वादों की पोल खोलने का अभियान"
गोलीकांड में बाल-बाल बचे सुखबीर सिंह बादल को क्यों हुई धार्मिक सज़ा? जानें क्या थी वजह
Jind News: जींद में पराली जलाने पर 163 किसानों पर FIR, 3.45 लाख का जुर्माना वसूला
Haryana Crime News: गन्नौर में तेज रफ्तार ट्रक ने कंटेनर को मारी टक्कर, 2 घायल
डा. रविंद्र मलिक, Haryana News। Legacy West In Haryana : विरासत में कोई अच्छी चीज मिले तो हर किसी को गर्व होता है, लेकिन जरा कल्पना कीजिए अगर किसी व्यक्ति को अपने घर के आसपास या राज्य में विरासत में कूड़े के दूर-दूर तक लगे हुए ढेर मिले तो सोचिए किस तरह की स्थिति होगी। हरियाणा में कुछ ऐसा ही है।
हरियाणा में अलग-अलग जिलों में लाखों टन कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और इस बायो वेस्ट का लंबे समय से कोई निपटान ही नहीं हो रहा है। ये बेहद ही शर्मनाक स्थिति ही।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) बार-बार राज्य सरकार को निर्देश दे रही है कि वेस्ट वाली जगहों को चिन्हित कर इस कूड़े को यहां से हटाया जाए और जगहों को साफ किया जाए लेकिन बावजूद इसके धरातल पर स्थिति वैसी ही है जैसे पहले थी। एनजीटी संबंधित विभाग द्वारा उठाए गए कदमों से कतई संतुष्ट नहीं है।
ज्वाइंट कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में लिगेसी वेस्ट (विरासती कूड़े) का ढेर लगा हुआ है। 15 अगस्त 2021 तक के अनुसार गुरुग्राम में 33 लाख मीट्रिक बायो वेस्ट है तक वहीं अप्रैल 2022 तक भी करीब करीब यही हालत थी।
वहीं अंबाला में 6 लाख मीट्रिक टन वेस्ट है। पंचकूला में 3.96 लाख मीट्रीक टन वेस्ट है तो वहीं इसके बाद इस मामले में यमुनानगर का स्थान आता है जहां 1.27 लाख मीट्रिक टन वेस्ट है। वहीं जींद में 1 लाख मीट्रिक टन, करनाला में 0.95 लाख मीट्रिक टन, कैथल में 0.80 लाख मीट्रिक टन और गोहाना में 0.42 लाख मीट्रिक टन वेस्ट था। हालांकि इसमें कुछ वेस्ट को प्रोसेस कर दिया गया है।
ये भी बता दें कि ज्वाइंट कमेटी की रिपोर्ट में इंगित है कि पहले चरण में कुल करीब 48 लाख मीट्रिक टन वेस्ट है। बता दें कि 15 अगस्त 2021 को 15 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा वेस्ट को प्रोसेस किया गया। सबसे ज्यादा गुरुग्राम में 10.20 लाख मीट्रिक टन वेस्ट को प्रोसेस किया गया है तो वहीं पंचकूला का 1.27 लाख मीट्रिक टन और अंबाला का 3.54 लाख मीट्रिक टन शामिल है।
इसके बाद इसी साल 25 फरवरी 2022 को को उपरोक्त शहरों में वेस्ट को प्रोसस किया गया। इसमें गुरुग्राम में 8.15 लाख मीट्रिक, अंबाला में 5.14 लाख मीट्रिक टन, पंचकूला में 1.46 लाख मीट्रिक टन और 1.16 लाख मीट्रिक टन वेस्ट को प्रोसेस किया गया है।
बाकी प्रोसेस किया गया वेस्ट अन्य जिलों में है। वहीं पिछले महीने जारी की गई रिपोर्ट में सामने आया है कि कुल करीब 31 लाख मीट्रिक टन वेस्ट प्रोसेस किया जाना है। पिछली बार अगस्त से लेकर दो बार इसको प्रोसेस किया गया है।
वहीं बता दें कि चीफ सेक्रेटरी ने मामले को लेकर 29 अप्रैल 2022 को रिपोर्ट सब्मिट की थी। इसके अनुसार 40 लाख मीट्रिक टन वेस्ट को प्रोसेस कर दिया गया है जो कि कुल वेस्ट का करीब 52 फीसद है।
वहीं इसको लेकर एनजीटी ने साफ किया है कि वो इससे संतुष्ट नहीं है। बायो कल्चर पर मिस्ट स्प्रे भी नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा ताजा कूड़े को नई साइट पर डंप किया जा रहा है। इससे लिगेसी वेस्ट को हटाने में दिक्कत आनी तय है। कूड़े के निपटान का काम बेहद ही धीमा है।
एनजीटी ने साफ कर दिया है कि जिन जगहों से वेस्ट हटाया जा रहा है, उन जगहों को पूरी तरह से साफ किया जाए और इस को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।
इस पहलू पर भी ध्यान दिया जाए कि कूड़े में आग ना लगे और घटना से कोई नुकसान न हो। वहीं मामले को लेकर चीफ सेक्रेटरी को 31 अगस्त 2022 तक मामले के बारे में रिपोर्ट देनी है जो कि 15 सितंबर तक सब्मिट की जा सकती है।
इसके अलावा एनजीटी और केंद्रीय पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी के साथ बैठक करनी है जिसमें बायो माइनिंग की गाइडलाइंस, कंपोस्ट के रिकवर किए यूटिलाइजेशन प्लान, 37 एमसी में वेस्ट उत्पत्ति आदि कई मामलों पर चर्चा होगी।
एनजीटी ने साफ कहा कि कि सालिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 की अनुपालना जरूरी है जो कि नहीं की जा रही है। निर्धारित समय सीमा में कूड़े का निपटान नहीं किया जा रहा है।
इसको लेकर कदम उठाए जाने जरुरी हैं। एनजीटी ने कहा कि नियमों की अवहेलना सहन नहीं की जा सकती है। नियमों की पालना नहीं करने वालों पर क्रिमिनल आफेंस के तहत कार्रवाई होगी।
इसको लेकर बार बार समय सीमा नहीं बढ़ाई जा सकती है। साथ ही साफ किया गया है कि अपना काम सही तरीके से नहीं करने वाले व नियमों को ताक पर रखने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसीआर रिपोर्ट में खराब रिकार्ड दर्ज किया जाएगा।
फिलहाल तो बड़े पैमाने पर लिगेसी वेस्ट पेंडिंग है। इसके निपटान को लेकर जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। काम ज्यादा है तो इसमें समय लगेगा। उम्मीद है जल्दी ही इसको लेकर जरुरी कदम उठाए जाएंगे। कुछ जगहों पर वेस्ट के निपटान का काम शुरू हो चुका है।
कमल गुप्ता, शहरी निकाय मंत्री।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.