India News Haryana (इंडिया न्यूज), MonkeyPox Test: मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है, खासकर चूहे, बंदर या अन्य जंगली जानवरों से। इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान, और त्वचा पर दाने शामिल होते हैं, जो बाद में पपड़ी में बदल सकते हैं।
जब मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर सैंपल लेते हैं, जो आमतौर पर त्वचा पर हुए घाव या चकत्तों से लिए जाते हैं। इन सैंपलों को लैब में भेजा जाता है, जहां विशेषज्ञ इसे जांचते हैं। मंकीपॉक्स टेस्ट की प्रक्रिया कोरोना वायरस टेस्ट से थोड़ी भिन्न है। कोरोना वायरस की पहचान के लिए आमतौर पर RT-PCR टेस्ट का उपयोग किया जाता है, जिसमें नाक और गले से सैंपल लिया जाता है।
वहीं, मंकीपॉक्स का टेस्ट विशेष प्रकार की लैब टेस्टिंग की आवश्यकता होती है, जिसमें वायरस के DNA की पहचान की जाती है। इस प्रकार, मंकीपॉक्स के टेस्ट में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है; आमतौर पर रिजल्ट 24 से 48 घंटे में आ जाता है, लेकिन कभी-कभी 3 से 4 दिन भी लग सकते हैं।
भारत में मंकीपॉक्स के लिए विशिष्ट वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं है। अमेरिका जैसे देशों में जिनोयोस (JYNNEOS) वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन भारत में मंकीपॉक्स से बचाव के लिए चेचक की वैक्सीन को उपयोगी माना जाता है, क्योंकि यह मंकीपॉक्स के खिलाफ भी कुछ सुरक्षा प्रदान करती है। वर्तमान में, भारत में मंकीपॉक्स के मामलों की निगरानी की जा रही है और स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर ध्यान बनाए हुए हैं।
यदि आपको मंकीपॉक्स के लक्षण महसूस हो रहे हैं या आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और टेस्ट करवाएं। जल्दी पहचान और सही इलाज से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है।
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