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कपिल अग्रवाल, अंबाला :
Municipal Corporation Ambala : यूएलबी (ULB) द्वारा भेजे गए मैसेज ने बेशक आधे शहर के लोगों को नगर निगम का कर्जदार बना दिया हो लेकिन नगर निगम कार्यालय पहुंचने वाले लोगों के सवालों का अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था।
यह अलग बात है कि टैक्स ब्रांच के अधिकारियों ने लोगों के सवालों से बचने के लिए अपने ब्रांच के बाहर यह जरूर चसपा कर दिया कि यह मैसेज केवल प्रापर्टी टैक्स को लेकर नहीं आया, इसमें अन्य टैक्स भी शामिल हैं।
हैरानी तो इस बात की है कि यह मैसेज उन लोगों को भी भेज दिया गया जिनके नाम न तो नगर निगम एरिया में कोई प्रोपर्टी है और न ही वह किसी प्रोपर्टी के मालिक हैं।
सीधे तौर पर कहा जाए तो किराएदारों को भी लाखों रुपए के नोटिस भेजकर यूएलबी ने लोगों को परेशान कर दिया है। मैसेज मिलने के बाद नगर निगम में पहुंचे लोगों को अधिकारियों की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया। मामला हैडक्वार्टर से जुड़ा होने के कारण हर कोई इस मामले में पल्ला झाड़ता नजर आया।
नगर निगम की बात की जाए तो यूएलबी ने प्रोपर्टी टैक्स व एनडीसी के ओनलाइन पोर्टल को एक किया है और यही कारण है कि लोगों के पास मैसेज चले गए। प्रोपर्टी टैक्स वालों से भी डेवेलपमेंट चार्ज मांगे जा रहे हैं।
हालात तो जब ज्यादा खराब हो गए जब सरकार द्वारा विकसित की कई कालोनियों में रहने वाले लोगों की तरफ भी लाखों रुपए रिकवरी निकाल दी गई है।
अब अधिकारी इस मामले में आपत्तियां मांगने की बात कर रहे हैं लेकिन सवाल तो यह है कि आखिर यूएलबी की तरफ से किस अधिकारी या कर्मचारी के कहने पर इस तरह के मैसेज को भेजा गया है।
फिलहाल तो अंबाला नगर निगम के पास यह रिकार्ड भी नहीं है कि आखिर यह मैसेज कितने लोगों को भेजा गया और उसने कितनी रिकवरी की डिमांड की गई।
फिलहाल आधे से ज्यादा शहर के लोगों को नगर निगम ने कर्जदार बना दिया है और लाखों रुपए रिकवरी निकलने के बाद लोग भी परेशान हैं और उनके पास इस परेशानी का हल नहीं।
अंबाला की ठंडी पड़ी राजनीति में यूएलबी द्वारा भेजे गए मैसेज ने गर्माहट पैदा कर दी है। चाहे कांग्रेस हो या फिर अन्य कोई विपक्षी दल, सरकार पर वार करने से कोई भी पीछे नहीं है। वहीं पार्षद भी यूएलबी द्वारा भेजे गए मैसेज के लिए सरकार को टारगेट करने में लगे हैं।
ऐसे में यह तो साफ है कि सोमवार को जहां इस मैसेज को लेकर लोगों का जमावड़ा हो सकता है, वहीं सरकार के खिलाफ इस मामले को भुनाने के लिए विपक्षी दलों के नेता भी लोगों के साथ मिलकर आवाज उठा सकते हैं। इस पूरे मामले में लोकल अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं क्योंकि मामला हैडक्वार्टर से जुड़ा है।
हरियाणा जनचेतना पार्टी (V) के पार्षद राजेश मेहता ने कहा कि यूएलबी की ओर से लोगों को परेशान करने के लिए यह मैसेज भेजे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अधूरे डाटा पर यह मैसेज कर दिए गए। न तो यह चैक किया गया कि किसको यह मैसेज जाना है और किसको नहीं। पूरे शहर के लोगों को मैसेज भेजकर सरकार ने केवल आम लोगों को परेशान किया है।
उन्होंने कहा कि जिस भी अधिकारी के आदेश पर यह मैसेज भेजे गए हैं, उसे तुरंत सस्पैंड किया जाना चाहिए क्योंकि यह मैसेज करने से पहले लोकल स्तर पर अधिकारियों से बातचीत होनी चाहिए थी ताकि डाटा का सही मिलान हो सकता। Municipal Corporation Ambala
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