India News Haryana (इंडिया न्यूज), Jai Parkash Taunts BJP : जींद में कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद जयप्रकाश ने भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को किसानों के साथ भद्दा मजाक बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2019 में किसानों को 6,000 रुपए सलाना सम्मान निधि देने का ऐलान किया था, लेकिन आज जब कृषि लागत बढ़कर डेढ़ गुना से ज्यादा हो गई है, तब भी यह राशि जस की तस बनी हुई है।
सांसद ने आरोप लगाया कि जब यह योजना शुरू की गई थी, तब डीजल की कीमत 60 रुपए प्रति लीटर थी, जबकि अब यह 85 रुपए प्रति लीटर है। इसके अलावा, सरकार ने खाद के कट्टे का वजन भी घटा दिया और रेट भी बढ़ा दिए, फिर भी किसान को मिलने वाली राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई।
जयप्रकाश ने कहा कि भाजपा किसान विरोधी सरकार है और उनकी पार्टी इसे हर मंच पर उजागर करती रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और अधिकारियों की लापरवाही के कारण पिछली योजनाओं में कोई प्रभावी काम नहीं हो सका। उन्होंने आरोप लगाया कि आज हरियाणा की सरकार दिल्ली से चल रही है और नौकरियों में बोली लगने का काम भी बढ़ गया है।
जयप्रकाश ने भाजपा पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बेटे और भाजपा सांसद किरण चौधरी की बेटी जैसे परिवारवाद के उदाहरण मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि जब भाजपा कांग्रेस को बाप-बेटा की पार्टी बताती है, तो क्या वह नाना-नानी की पार्टी है?
जयप्रकाश ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का कारण भाजपा का धनबल और मशीनरी बल बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा बैलेट पेपर पर चुनाव कराने का साहस नहीं दिखाती क्योंकि वे जानते हैं कि उनके चुनावी मशीनों से धोखाधड़ी के आरोप साबित हो सकते हैं।
महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर अपनी बात रखते हुए जयप्रकाश ने कहा कि यह हमारी आस्था का प्रतीक है, लेकिन केंद्र और प्रदेश सरकारों ने वहां की व्यवस्थाओं में लापरवाही बरती है, जिस कारण श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
सांसद ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली पर तंज करते हुए कहा कि वह वर्तमान में परेशान हैं और अनाप-शनाप बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बडोली एक केस में फंसे हुए हैं और वह इसी परेशानी में कांग्रेस पर लगातार कटाक्ष कर रहे हैं। जयप्रकाश के इन हमलों ने भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है और किसान और रोजगार के मुद्दों पर नई बहस की शुरुआत कर दी है।