1. पौष्टिक लंच न फॉलो करना
बहुत से लोग अपने दोपहर के भोजन में पौष्टिकता की अनदेखी करते हैं। वे सिर्फ पेट भरने के लिए खाते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान नहीं रखते कि उनके खाने में कितनी प्रोटीन, सब्जियां और फाइबर हैं। यदि लंच में संतुलित आहार न हो, तो इससे ब्लड शुगर लेवल में अचानक वृद्धि हो सकती है। खासकर अगर कार्बोहाइड्रेट्स का अधिक सेवन किया जाता है, तो वह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है।
समाधान: लंच में हमेशा प्रोटीन, हरी सब्जियां, फल, और फाइबर से भरपूर भोजन शामिल करें। जैसे कि हरी सब्जियां, सलाद, अंकुरित दालें, और पूरा अनाज। यह भोजन ब्लड शुगर को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है।
2. लंच में फास्ट फूड खाना
लंच के समय फास्ट फूड जैसे पिज्जा, समोसा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज़ आदि खाना कई लोग समय की कमी या स्वाद के कारण चुनते हैं। हालांकि, ये खाद्य पदार्थ शुगर के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनमें उच्च मात्रा में नमक, ट्रांस फैट, और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकते हैं।
समाधान: फास्ट फूड के बजाय घर पर बना हुआ हल्का और स्वास्थ्यवर्धक भोजन खाएं। सलाद, रोटी, दाल, सब्जियां और चिकन या मछली जैसे प्रोटीन से भरपूर भोजन ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
3. खाने के बाद सोडा या कोल्ड्रिंक पीना
खाने के बाद सोडा या कोल्ड्रिंक पीने की आदत कई लोगों में होती है, जो उनकी शुगर कंट्रोल में परेशानी उत्पन्न कर सकती है। ये पेय पदार्थ उच्च मात्रा में शुगर और कैलोरीज़ प्रदान करते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को अचानक और तेज़ी से बढ़ा सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बेहद जोखिम भरा हो सकता है।
समाधान: खाने के बाद पानी पीना सबसे अच्छा होता है। अगर आप कुछ स्वादिष्ट पीना चाहते हैं तो बिना शुगर के नींबू पानी या हर्बल चाय ले सकते हैं। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है और शरीर को हाइड्रेटेड भी रखता है।
लंच के दौरान छोटी-छोटी गलतियों से डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की समस्या हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि अपने आहार में पौष्टिकता, हेल्दी विकल्पों और उचित खाद्य पदार्थों का ध्यान रखें। नियमित रूप से सही आहार और जीवनशैली को अपनाकर ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।