इंडिया न्यूज :
वैसे तो सभी लोगों को पता होता है कि अच्छी सेहत के लिए शरीर में सभी न्यूट्रिएंट्स का होना जरूरी है। यह तभी मुमकिन है जब आप पोषण से भरपूर डाइट का सेवन करें। तो आइए जानते हैं हमारे शरीर के लिए कौन से न्यूट्रिएंट्स का होना जरूरी है।

मैग्नीशियम

यह हड्डियों और दांतों की सही संरचना के लिए बहुत जरूरी है। इसकी कमी से टाइप-2 डायबिटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, दिल की बीमारी, आॅस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है।

  • मैग्नीशियम डेफिशिएंसी के लक्षण: माइग्रेन, दिल की धड़कन का असामान्य होना, मांसपेशियों में दर्द, पैर हिलाने की बीमारी और थकान आदि का होना।
  • मैग्नीशियम डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स: डार्क चॉकलेट, साबुत अनाज, नट्स, हरी, पत्तेदार सब्जियां आदि।

विटामिन ए

विटामिन ए हेल्दी स्किन, दांत, हड्डियां और सेल मेम्ब्रेन मेंटेन करने के लिए जरूरी हैं। ये आंखों के रंग और दृष्टि के लिए भी जरूरी है। वेस्टर्न डाइट का सेवन करने वाले 75 फीसदी लोगों को इसकी कमी नहीं होती। विटामिन ए डेफिशिएंसी विकासशील देशों में एक कॉमन समस्या है।

  • विटामिन ए डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स: ऑर्गन मीट, फिश लिवर आॅयल, शकरकंद, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि।

कैल्शियम

कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत रखने के लिए बेहद जरूरी है। इसके बिना दिल, मांसपेशियां और नसें काम करना बंद कर देती हैं। कैल्शियम की कमी का सबसे बड़ा लक्षण हड्डियां कमजोर होना है।

  • कैल्शियम डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स: बोन वाली फिश, डेयरी प्रोडक्ट्स, डार्क ग्रीन सब्जियां आदि।

आयरन

आयरन रेड ब्लड सेल्स का जरूरी कॉम्पोनेंट है। ये हीमोग्लोबिन के साथ मिलकर आॅक्सिजन को हमारे शरीर के सेल्स तक पहुंचाने का काम करता है। हेल्थलाइन रिपोर्ट अनुसार दुनिया में 25 फीसदी से ज्यादा लोग आयरन की कमी से जूझते हैं। साथ ही 47 फीसदी प्री स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को इसकी कमी होती है। माहवारी का अनुभव करने वाली 30 फीसदी महिलाओं और 42फीसदी गर्भवती महिलाओं को आयरन की कमी होती है।

  • आयरन डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स: रेड मीट, आॅर्गन मीट, शेलफिश, सार्डिन, राजमा, सीड्स, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि।

आयोडीन

आयोडीन डेफिशिएंसी बच्चों में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। आयोडीन एक तरह का मिनरल है, जिसकी कमी से थाइरॉयड हॉरमोन का प्रोडक्शन पर्याप्त मात्रा में होता है। थाइरॉयड हॉरमोन्स ब्रेन फंक्शन, शरीर के विकास और हड्डियों को मेंटेन करने के लिए जरूरी होते हैं। आयोडीन डेफिशिएंसी बच्चों में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। इससे मानसिक विकलांगता और असामान्य विकास होता है।

  • आयोडीन डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स: सीवीड, फिश, डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडे, आयोडीन युक्त नमक आदि।

विटामिन डी

विटामिन डी का प्रोडक्शन त्वचा पर मिलने वाले कोलेस्ट्रॉल से होता है। इसका सबसे बड़ा सोर्स सूरज की रोशनी है। यानी जो लोग भूमध्य रेखा से दूर रहते हैं। उनमें इस न्यूट्रिएंट की कमी होने की संभावना ज्यादा होती है। इस वजह से उन्हें विटामिन डी के सप्लिमेंट लेने की सलाह दी जाती है।

  • भारत में लगभग 76 फीसदी लोग विटामिन डी डेफिशिएंसी के शिकार हैं। बच्चों में ये डेफिशिएंसी आम है। इसके लक्षणों में कमजोर मांसपेशियां और हड्डियां होना शामिल हैं। साथ ही विटामिन डी की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर और कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • विटामिन डी डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स: कॉड मछली के लिवर का तेल, फैटी फिश, अंडे का योक आदि।

विटामिन बी 12

विटामिन बी 12 एक बहुत ही जरूरी विटामिन है। यह खून बनाने में काम आता है। इससे दिमाग और नर्वस सिस्टम की फंक्श्निंग सही होती है। इसका मतलब शरीर के सभी सेल्स को ठीक से काम करने के लिए विटामिन बी 12 की जरूरत होती है।

  • स्टडीज के अनुसार 80 से 90 फीसदी वेजिटेरियन और वीगन डाइट फॉलो करने वालों को विटामिन बी12 की कमी होती है। इसके अलावा, 20फीसदी एडल्ट्स में उम्र के साथ-साथ इस विटामिन का एब्जोर्पशन कम हो जाता है। इसका सबसे कॉमन लक्षण एनीमिया की बीमारी है।
  • विटामिन बी12 डेफिशिएंसी को पूरा करने वाले फूड्स: शेल फिश, आॅर्गन मीट, मीट, अंडे, मिल्क प्रोडक्ट्स आदि।

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