India News (इंडिया न्यूज़), Asthma Patients: गर्मियों की चिलचिलाती धूप में बरगद की छांव और ठंडा मटके का पानी असली सूकून वही है। लेकिन आज के समय में शहरों में सभी लोग एयर कंडीश्नर यानि की एसी में रहना ज्यादा पसंद करते हैं।. लेकिन जिन लोगों को सांस की समस्या है। उन्हें तो एसी से दूर ही रहना चाहिए। वरना गर्मियों में राहत पाने के चक्कर में अस्थमा वाले मरीज अपनी जान गवां चुके हैं। हमारे भारत में ही करीब 3 करोड़ लोग अस्थमा की समस्या की चपेट में है। ऐसे में अस्थमा वाले मरीजों को ये रिपोर्ट जरूर पढ़नी चाहिए।
अस्थमा के मरीजों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि एसी की हवा उनके लिए खतरनाक हो सकती है। आसपास मौजूद डस्ट के पार्टिकल्स इस हवा के साथ शरीर में पहुंचकर मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। सांस के माध्यम से ये पार्टिकल्स लंग्स में चले जाते हैं और अटैक का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए अस्थमा के मरीजों को एसी में बैठने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और लापरवाही से बचना चाहिए।
अस्थमा के मरीजों को एसी में बैठने से पहले सबसे पहले इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि एसी की सही तरह सफाई हुई है या नहीं। अगर एसी गंदी है तो उसके डस्टर पार्टिकल्स के हवा के साथ शरीर में पहुंचने का जोखिम बना रहता है। इसलिए एसी की साफ-सफाई पर ध्यान दें। अस्थमा के मरीजों को मौसम बदलते ही सेहत के प्रति अलर्ट हो जाना चाहिए। और खासतकर समय पर दवाईयों का सेवन जरूर करना चाहिए।
अगर आप एसी में रहते तो आपको एसी के डस्ट पार्टिकल्स से बचना चाहिए। उसके लिए एसी की साफ-सफाई रखें। एसी के एयर फिल्ट को अच्छी तरह से साफ रखें। एसी का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही रखें। अगर आप नया एसी लेने जा रहे हैं और आप या आपके परिवार में कोई अस्थमा का मरीजा है। तो एयर प्यूरीफायर वाला एसी ही लें। अगर अस्थमा के मरीज ज्यादा समय तक एसी में बैठ रहे हैं तो मास्क लगाकर ही बैठें और अपना इनहेलर हमेशा साथ रखें।
अस्थमा बहुत ही खतरनाक बीमारी है, जिसमें सांस की नली में सूजन हो जाती है और लंग्स में भी इंफेक्शन होता है। इस कारण सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इसके साथ ही सांस लेते समय घरघराहट सी आवाज भी आती है और लगातार खांसी की समस्या बनी रहती है। कुछ मरीजों में सूखी खांसी और सोने के दौरान ज्यादा खांसी आती है।
अगर आप या आपके परिवार में कोई अस्थमा का मरीज है तो आप धूल, मिट्टी और धुएं में जाने से बचें या पूरी तरह सावधानियां बरतें। बाहर जाते समय मास्क लगाना न भूलें और सबसे जरूरी अपनी दवाएं समय पर लें और खानपान का सही तरह ख्याल रखें।
अस्थमा के मरीजों को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है। क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही से उनकी जान जा सकती है। ऐसे में सबसे जरूरी तो ये है कि अपनी दवाओं को समय पर लें और जितना हो सके धूल, मिट्टी से दूर रहें। ताकि आपको किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो।
Written by Prashant Pratap Singh
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