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हर 4 मिनट में चलता है पता और 13 मिनट में होती है 1 महिला की ब्रेस्ट कैंसर से मौत, रिसर्च में हुआ खुलासा

Babli • LAST UPDATED : September 8, 2023, 1:31 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़),Breast Cancer दिल्ली: ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसा कैंसर है जो खासकर महिलाओं के ब्रेस्ट में होता है।और ये दुनिया भर की महिलाओं में सबसे आम प्रकार का कैंसर है। ब्रेस्ट कैंसर होने के पीछे कि वजहो की अभी पुष्टी नहीं हुई हैं। लेकिन कई रिसर्च ने इस बात का खुलासा किया गया है कि इसके पीछे का कारण या तो लाइफस्टाइल हैं या फिर खराब खानपन। इसके पीछे के कारणों में बढ़ती उम्र, जेनेटिक, मोटापा, धूम्रपान, ज्यादा शराब पीना, बच्चे न पैदा करना और या अधिक उम्र में बच्चे को पैदा करना जैसी चिज़े शामिल है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

ब्रेस्ट कैंसर के कई लक्षण हैं, जैसे- ब्रेस्ट में गांठ पड़ना, ब्रेस्ट के साइज में बदलाव होना, ब्रेस्ट या उसके बगल में दर्द होना, निप्पल से व्हाइट पानी निकलना, स्किन में बदलाव होना। अगर इस बीमारी से बचना है तो इसका तुरंत इलाज शुरू करवाना होगा। अक्सर 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को मैमोग्राम की सिफारिश की जाती है। ब्रेस्ट कैंसर का इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी है। अगर समय रहते इस कैंसर का इलाज ना किया गया तो ये बिमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।

भारत में हर 4 मिनट में 1 महिला को होता हैं ब्रेस्ट कैंसर

एक रिसर्च में पता चला है कि भारत में हर 4मिनट में 1 महिला को ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी का पता चलता है। जबकि इसके इलाज के समय भारतीय महिलाओं की औसत आयु वेस्टर्न महिला की तुलना में एक दशक कम है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के एचओडी प्रोफेसर आनंद मिश्रा ने ग्लोबोकैन 2020 अध्ययन का हवाला देते हुए ये बताया की भारत में ब्रेस्ट कैंसर की घटनाए आए दिन बढ़ती जा रही हैं।

इन स्टेप्स से जानें अपनी सेहत के बारे में

ब्रेस्ट में या आसपास में नई गांठ का होना
ब्रेस्ट का एक हिस्से का मोटा हो जाना
ब्रेस्ट की स्किन में जलन होना या उसके ऊपर दाग बनना
ब्रेस्ट या गर्दन की स्किन लाल होना या परत दार त्वचा बनना
ब्रेस्ट के निप्पल के आसपास दर्द महसुस होना
ब्रेस्ट से दूध के अलावा ब्लड का आना
ब्रेस्ट के साइज में बदलाव आना
ब्रेस्ट के किसी भी हिस्से में ज्यादा दर्द होना

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज

डॉकटरों का कहना हैं कि स्तनों की खुद जांच करके, स्तन कैंसर का जल्दी निदान हो सकता है। इससे इलाज के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर ब्रेस्ट कैंसर का निदान जल्द हो जाए, तब गांठ छोटी होती है। और शरीर के बांकी हिस्सों में नहीं फैलती। यानि ऐसे में इलाज के विकल्प ज़्यादा होते हैं और मरीज़ के जीवित रहने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

 

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