संबंधित खबरें
अगर आपको है मर्दाना कमजोरी तो करें ये आसान Exercise, छूमंतर हो जाएगी सारी समस्या, वैवाहिक जीवन में मिलेगा चरम सुख
पेट भरने वाली रोटी बनी कैंसर की वजह? धीमे-धीमे शरीर में जहर फैलाने का कर रही है काम, रिसर्च ने किया बड़ा खुलासा
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- '10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू'
कहीं आप भी तो रोज नहीं खाते हैं रोज पत्तागोभी, वरना हो जाएगा बड़ा नुकसान, जानिए न्यूरोलॉजिस्ट से बचने का आसान तरीका
30 साल पुरानी Blood Pressure की बीमारी को मात्र 15 दिन में ठीक कर देगा ये एक देसी उपाय, 2 महीने में तो शरीर हो जाएगा हर रोग से मुक्त
6 दिनों के अंदर जड़ से खत्म हो जाएगा बवासीर, जो कर लिया इन 2 चीजों का सेवन, जिंदगीभर के लिए पाइल्स से मिल जाएगा छुटकारा!
Advantages And Disadvantages Of Giloy
Advantages And Disadvantages Of Giloy : प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में कई गंभीर बीमारियों का इलाज करने के लिए जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया जाता रहा है। इनमें मौजूद गिलोय के फायदों को देखते हुए ही हाल के कुछ सालों से अब लोगों में इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है बरसात के मौसम में होने वाली वायरल, मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया में गिलोय का सेवन किया जाता है हां तक आम लोगों के बीच गिलोय की लोकप्रियता की बात है तो कोरोना ने इसे घर-घर में पॉप्युलर बना दिया है और अब इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए लोग गिलोय के काढ़े से लेकर, जूस और गोलियों तक का सेवन कर रहे हैं। इसकी पत्तियों का आकार पान के पत्तों के जैसा होता है और इनका रंग गाढ़ा हरा होता है। आप गिलोय को सजावटी पौधे के रुप में भी अपने घरों में लगा सकते हैं।
Also Read : आईवीएफ उपचार के दौरान अपनी डाइट में शामिल करें ये चीजें
अमृता यानी गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जाना जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह वायरस से होने वाली बीमारियों से शरीर को बचाता है और सर्दी-जुकाम से बचाने में भी कारगर है क्योंकि इसकी तासीर बहुत गर्म होती है। बुखार में भी इसके सेवन की सलाह दी जाती है।
Also Read : जानिए नीम की पत्तियों से होने वाले ये फायदे, जो आपको हमेशा रखेंगे तंदरुस्त
डेंगू होने पर ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं ऐसे में आयुर्वेद विशेषज्ञ मरीजों को गिलोय के सेवन की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ने लगते हैं। गिलोय के हरे तने को काटकर अच्छी तरह साफ करने के बाद इसे पानी में करीब आधे घंटे तक उबाला जाता है और जब पानी का रंग हरा हो जाए तो इस पानी को छानकर मरीज को दें। दरअसल, गिलोय में एंटीपायरेटिक तत्व होता है जो डेंगू के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है और इससे इम्यूनिटी भी बढ़ती है जिससे मरीज जल्दी ठीक हो जाता है।
Also Read : आईवीएफ उपचार के दौरान अपनी डाइट में शामिल करें ये चीजें
गिलोय न सिर्फ बुखार और सर्दी-खांसी, बल्कि जॉन्डिस यानी पीलिया के मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आयुर्वेद के जानकारों का मानना है कि गिलोय के पत्तों का रस पीने से पीलिया के मरीजों को आराम मिलया है और इसकी वजह से होने वाला बुखार और दर्द भी कम होता है।
आंखों से संबंधित विकारों से छुटकारा पाने के लिए भी आप गिलोय को इस्तेमाल में ला सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें पाया जाने वाला इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण आंखों के लिए भी फायदेमंद प्रभाव प्रदर्शित करता है ।वहीं, इस संबंध में किए गए एक अन्य शोध में बताया गया है कि गिलोय के गुण आंखों से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं ।
आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक, जिन लोगों को खून की कमी होती है उन्हें भी गिलोय का सेवन करना चाहिए, क्योंकि गिलोय में ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन और टीनोस्पोरिक एसिड की मात्रा अधिक होती है जो शरीर में खून की कमी दूर करने में मददगार है।
वैसे तो गिलोय के नुकसान न के बराबर हैं। लेकिन कुछ मामलों में गिलोय का सेवन नुकसानदेह हो सकता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.