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Air Pollution and COVID-19 कोरोना महामारी का दौर अभी खत्म भी नहीं हुआ कि भारत समेत दुनिया के कई देश वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से भी रूबरू हो रहे हैं। उत्तर भारत के कई राज्यों में वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। हवा में जहरीले कणों होने के कारण गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में एक नई स्टडी ने कई देशों की चिंता बढ़ा दी है।
स्पेन में हुई एक ताजा स्टडी में यह जानकारी सामने आई है कि लंबे समय तक प्रदूषित वायु के संपर्क में रहने वालों में कोरोना संक्रमण की जटिलताएं बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है। एनवायरमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में साक्ष्यों के हवाले से कहा गया है कि वायु प्रदूषण घटने का स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव पड़ता है। इसमें उन पहलुओं का भी उल्लेख किया गया है, जो बीमारी को प्रभावित करते हैं। (Air Pollution and COVID-19)
रिसर्चर्स ने कहा कि पूर्व के शोध निष्कर्षो में यह बताया गया था कि महामारी से पहले जिन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा था, उनमें कोरोना के मामले अधिक आए। हालांकि, शोधकर्ता इस संबंध में अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। उनका मानना है कि वायु प्रदूषण वायरस के प्रसार में मददगार हो सकता है। यह व्यक्ति विशेष की बीमारी या संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता को भी बढ़ा सकता है। (Air Pollution and COVID-19)
स्पेन स्थित बार्सिलोना इंस्टीट्यूट आफ ग्लोबल हेल्थ से जुड़े और इस स्टडी के फर्स्ट राइटर मनोलिस कोगेविनास के अनुसार, ‘समस्या यह है कि पहले के अध्ययन उन मामलों पर आधारित थे, जिनका जांच के जरिये पता चला था, लेकिन लक्षण न दिखने वाले और जांच नहीं करवाने वाले मामलों का उसमें उल्लेख नहीं था।
रिसर्चर्स ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहने वाले उन वयस्कों के वायरस आधारित एंटीबाडी का अध्ययन किया, जो लंबे समय तक प्रदूषित वायु के बीच रहते हैं। अध्ययन में 9,605 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें से 481 कोरोना संक्रमित थे। (Air Pollution and COVID-19)
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।
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