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India News (इंडिया न्यूज़)Air Pollution : दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ता वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन गया है। आपको बता दें कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में AQI 500 के करीब है। बढ़ते प्रदूषण के बीच AQI के साथ-साथ पीएम 2.5 की भी चर्चा चल रही है। पीएम 2.5 का बढ़ना सेहत के लिए खतरनाक होता है। ये कई बीमारियों का कारण बन सकता है।
पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर 2.5) वायु प्रदूषण में मौजूद बहुत ही छोटे-छोटे कण होते हैं। साइज 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम होता है। वाहनों के धुएं, कोयला जलाने से ये कण वातावरण में जाते हैं। जब कोई व्यक्ति सांस लेता है तो ये छोटे कण सांस के जरिए लंग्स में चले जाते हैं और अस्थमा, सीओपीडी और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी का कारण बन सकते हैं। ये कण खून में भी चले जाते हैं और ब्लड सप्लाई पर असर करते हैं। इससे हार्ट अटैक आने का भी रिस्क होता है। ये ब्रेन को भी नुकसान करता है। गर्भवती महिलाओं के लिए ये खतरनाक होता है और गर्भावस्था में समय से पहले प्रसव और शिशु की मौत का कारण बन सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार , किसी भी इलाके में पीएम 2.5 का लेवल 100 से कम होना चाहिए। लेकिन दिल्ली और आसपास के इलाकों में ये 300 से ज्यादा है. AIIMS में प्लमोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन विभाग के पूर्व HOD डॉ. एचसी खिलनानी ने बताया हैं कि पीएम 2.5 का 100 से ज्यादा होना कई खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकता है।जानकारी के लिए बता दें कि इससे लंग्स कैंसर तक के होने का रिस्क होता है।
आपको बता दें कि जिन इलाकों में पीएम 2.5 का लेवल लगातार अधिक बना रहता है वहां लोगों में सांस संबंधी बीमारियों के विकसित होने का खतरा अधिक होता है। पिछले कुछ दिनों से सांस की बीमारियों के मरीज काफी बढ़ रहे हैं। जिनको पहसे से अस्थमा, सीओपीडी और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी है उनकी परेशानी इस मौसम में अधिक बढ़ रही है।
घर में एयर प्यूरीफायर का यूज करें
स्वस्थ आहार लें
मास्क पहनें
घर के बाहर एक्सरसाइज न करें
अस्थमा या सांस की बीमारियों के मरीज घर से बाहर जानें से बचें
समय पर अपनी दवाएं लें
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