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Anorexia Disease in Hindi महामारी के दौरान किशोरों में 65 प्रतिशत तक बढ़ी एनोरेक्सिया की बीमारी

BY: Sameer Saini • LAST UPDATED : December 13, 2021, 3:29 pm IST
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Anorexia Disease in Hindi महामारी के दौरान किशोरों में 65 प्रतिशत तक बढ़ी एनोरेक्सिया की बीमारी

Anorexia Disease in Hindi

Anorexia Disease in Hindi : कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के बाद दुनिया भर के लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गए थे। इसके बाद आशंका जताई गई थी कि लोग घर पर ज्यादा खाना खाएंगे जिससे मोटापा बढ़ेगा। वयस्कों में महामारी के दौरान मोटापा बढ़ा या नही बढ़ा, इस संबंध में कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है लेकिन मोटापा के डर से भोजन न करने की बीमारी एनोरेक्सिया के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है।

कनाडा के मैकगिल यूनिवर्सिटी के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि महामारी के दौरान एनोरेक्सिया से पीड़ित किशोरों की संख्या में 65 प्रतिशत की छलांग आई है। एनोरेक्सिया ऐसी बीमारी है जिसमें खाना नहीं खाने की वजह से किशोर के वजन में भारी कमी आने लगती है। दरअसल, किशोरों के दिमाग में यह बात चिपक जाती है कि खाने की वजह से वह मोटे हो जाएंगे। इसलिए वह किसी भी चीज को खाने से कतराते हैं। यहां तक कि जब उसे लगता है कि उसने ज्यादा खा लिया है तो वह उल्टी भी कर देता है।

अस्पताल में भर्ती होने वाले किशोरों की संख्या भी बढ़ी (Anorexia Disease in Hindi)

शोधकर्ताओं ने अस्पतालों से प्राप्त डाटा के आधार पर पाया कि महामारी से पहले 13 से 16 साल के 24.5 प्रतिशत किशोरों को हर महीने एनोरेक्सिया के इलाज के लिए आना पड़ता था वहीं महामारी के बाद 40.6 प्रतिशत किशोर एनोरेक्सिया के इलाज के लिए आए जबकि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यह संख्या 65 प्रतिशत तक बढ़ गई। एनोरेक्सिया से पीड़ित किशोरों के अस्पताल में पहुंचने की दर भी 166 प्रतिशत तक बढ़ गई। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किशोर मोटापे को लेकर किसी कदर हीन भावना से ग्रसित हैं।

एंग्जाइटी और डिप्रेशन का शिकार (Anorexia Disease in Hindi)

अध्ययन में यह पाया गया कि जिन किशोरों को एनोरेक्सिया का इलाज कराना पड़ा, उनमें बॉडी का शेप बुरी तरह से बिगड़ गया। शोधकर्ताओं ने 2015 से नवंबर 2020 के बीच एनोरेक्सिया के इलाज के लिए आने वाले किशोरों का डाटा एकत्र किया। इसके बाद विश्लेषण में पाया गया कि 13 से 16 साल के किशोर मोटापे को लेकर बेहद परेशान हैं। इस डर से अधिकांश किशोर खाने-पीने को सीमित कर लिया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि एनोरेक्सिया से पीड़ित किशोरों में अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में इजाफा हो जाता है। ऐसे किशोर बहुत जल्दी एंग्जाइटी और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। (Anorexia Disease in Hindi)

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