होम / क्या बच्चों में मोटापे का जिम्मेदार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर है, जानिए

क्या बच्चों में मोटापे का जिम्मेदार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर है, जानिए

India News Desk • LAST UPDATED : May 7, 2022, 2:17 pm IST

इंडिया न्यूज:
मोटापा चाहे बड़ों को हो या बच्चों को सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। लेकिन बदलती जीवलशैली के चलते अब बच्चे मोटापे का शिकार ज्यादा हो रहे हैं। क्योंकि यह दावा ऑस्ट्रिया के विएना स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी के हेल्थ रिसर्चर्स ने किया है।

उनका मानना है कि अगर बच्चे जंक फूड को ज्यादा पसंद करते हैं, तो इसके लिए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर जिम्मेदार हो सकते हैं। वहीं डॉक्टरों का मानना है कि बच्चों में बढ़ रही मोटापे की समस्या आगे चलकर कई बीमारियों को जन्म दे सकती है। तो चलिए जानते हैं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर है। बच्चों के खानपान संबंधित मामले में क्या है इसका असर।

क्या होता है इन्फ्लुएंसर?

इन्फ्लुएंसर शब्द का मतलब प्रभावशाली होता है। इन्फ्लुएंसर या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर दूसरों को प्रभावित करने वाले वे लोग होते है, जो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या अन्य किसी माध्यम के द्वारा एक बड़ी संख्या में लोगो तक पहुंचते हैं। ऐसे लोग अपने रचनात्मक या ज्ञानवर्धक कंटेंट के जरिए सोशल मीडिया पर लोकप्रिय यानी बहुत प्रसिद्ध होते है ।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर क्या है?

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ऐसे यूजर, व्यक्ति या शख्स को कहा जाता है, जिनके सोशल मीडिया हैंडल या अकाउंट से काफी ज्यादा फॉलोअर्स यानि समर्थक जुड़े होते है। वे अपने किसी विशेष क्षेत्र या इंडस्ट्री में अनुभव और ज्ञान के आधार पर विश्वनीयता को बनाते है। लोग उनके द्वारा शेयर किए गए पोस्ट या कंटेंट को काफी पसंद करते है। उनके कंटेंट पर ज्यादा से ज्यादा लोग लाइक करते है और बहुत से लोगों द्वारा शेयर भी किया जाता है। इससे उनके कंटेंट ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच जाते हैं।

75 फीसदी पोस्ट खाने-पीने के सामान से जुड़े हैं

क्या बच्चों में मोटापे का जिम्मेदार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर है, जानिए

रिसर्चर्स ने 13 साल तक के बच्चों में लोकप्रिय जर्मनी के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की पोस्ट का एनालिसिस किया। इन इन्फ्लुएंसर्स के सोशल मीडिया में 3.5 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। रिसर्चर्स ने पाया कि इन्फ्लुएंसर्स के 75फीसदी पोस्ट खानेपीने की चीजों को लेकर है। इन पोस्ट में नमक, वसा या चीनी से भरपूर उत्पाद थे, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

खाने-पीने के कंटेंट पर रोक लगे: रिसर्चर्स

रिसर्चर्स का कहना है कि ये बच्चों की खाने की हैबिट को प्रभावित कर उन्हें मोटापे का शिकार बना रहे हैं। बच्चों के मोटापे से निपटने के लिए सरकारों को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के खाने-पीने के कंटेंट पर रोक लगाना चाहिए।
सरकारों को बच्चों के मोटापे की बढ़ती समस्या को दूर करने में मदद करनी चाहिए। इसके लिए इन्फ्लुएंसर्स पर कार्रवाई करने की जरूरत है।

364 पोस्ट का विश्लेषण हुआ

आॅस्ट्रियाई विशेषज्ञों ने छह जर्मन-भाषी इन्फ्लुएंसर्स के फॉलोअर्स और उनके 364 पोस्ट का विश्लेषण किया (यानी विस्तार से जांच करना)। इनमें कुल 13 घंटे की वीडियो फुटेज शामिल हैं। रिसर्च में पाया गया कि 409 प्रकार के उत्पाद के बारे में सामग्री पोस्ट की गई। 13 साल से कम उम्र के बच्चों में लोकप्रिय टिकटॉक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब के ये इन्फ्लुएंसर्स जंक फूड के अलावा चॉकलेट और मिठाई जैसे उत्पाद को बढ़ावा देते हैं।

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

यह भी पढ़ें: Madhya Pradesh Incident इंदौर मेें बिल्डिंग में आग लगने से 7 लोग जिंदा जले

यह भी पढ़ें: शरीर की कई बीमारियों का इलाज है गन्ने का रस

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

फिल्म प्रमोशन में एक आदमी की इस हरकत पर भड़की Lara Dutta, लात-घूंसे से की पिटाई -Indianews
Philippines Heat Wave: फिलीपीन के छात्र चिलचिलाती गर्मी से परेशान, पारा 50 के पार- indianews
Virat Kohli: विराट के प्रदर्शन पर संदेह करने वाले आलोचकों को मिला करारा जवाब, किंग कोहली ने अपने अंदाज में दिया जवाब-Indianews
Prajwal Revanna Video: जब भी प्रज्वल रेवन्ना घर लौटते थे तो हमें डर…., घर में काम करने वाली महिलाओं ने बताई अपनी आपबीती
बीच म्यूजिक कॉन्सर्ट में Arijit Singh ने पाक की इस एक्ट्रेस से मांगी माफी, वीडियो वायरल -Indianews
Weather Update: तेज धूप ने किया नाक में दम, कई राज्यों में पारा 44 के पार; जानें ताजा वेदर अपडेट- indianews
Chhattisgarh Road Accident: छत्तीसगढ़ की सड़कों पर दिखा तेज रफ्तार का कहर, ट्रक और कार की टक्कर में 10 लोगों की गई जान-Indianews
ADVERTISEMENT