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रोटी बनाते वक्त भूल कर भी न करें ये गलती, सेहत को हो सकता है भारी नुकसान

Avoid Direct Gas Flame for Roti: रोटी हर भारतीय थाली का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन उसे पकाने का तरीका हमारी सेहत पर गहरा असर डाल सकता है.

Written By: shristi S
Last Updated: September 26, 2025 18:12:47 IST

Roti on Gas flame Cause Cancer: भारत में रोटी हर घर के भोजन का एकअहम हिस्सा होता है. चाहे शहर हो या गांव, लगभग हर जगह रोज़ाना रोटी बनाई और खाई जाती है. पारंपरिक तौर पर रोटी को तवे पर पकाकर फिर हल्की आंच पर फुलाया जाता था, लेकिन आधुनिक रसोई में ज्यादातर लोग समय बचाने के लिए रोटी को आधा पकाकर सीधे गैस की आंच पर सेकते हैं. यह तरीका देखने में सुविधाजनक लगता है, लेकिन क्या यह हमारी सेहत के लिए ठीक है? आइए रिसर्च और विशेषज्ञों की राय के आधार पर इस पर विस्तार से चर्चा करें. 

गैस की आंच और रोटी बनाने की आदत

आजकल अधिकतर लोग रोटी को तवे पर आधा पकाने के बाद सीधे गैस की लौ पर फुलाते हैं. यह आदत न केवल समय बचाने वाली है, बल्कि रोटी को जल्दी फुला भी देती है. लेकिन, इसी दौरान रोटी का एक हिस्सा जलकर काला हो जाता है, जो सेहत के लिहाज से हानिकारक हो सकता है.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक शोध?

1. उच्च तापमान पर हानिकारक केमिकल्स- कुछ शोधों में पाया गया है कि ज्यादा तापमान पर खाना पकाने से HCA (Heterocyclic Amines) और PAH (Polycyclic Aromatic Hydrocarbons) जैसे केमिकल्स बनते हैं। इनका संबंध कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जोड़ा गया है।

2. गैस चूल्हे से निकलने वाले प्रदूषक- 2015 में Environmental Science and Technology जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, नेचुरल गैस से चलने वाले चूल्हे से कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सूक्ष्म कण जैसी हानिकारक गैसें निकलती हैं। इनकी मात्रा WHO के मानकों से भी अधिक पाई गई। लंबे समय तक इन गैसों के संपर्क में रहने से सांस संबंधी रोग, हृदय रोग और कैंसर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

3. स्टार्च और उच्च तापमान का असर- Nutrition and Cancer जर्नल में प्रकाशित एक और रिसर्च बताती है कि स्टार्च से बने खाद्य पदार्थ (जैसे रोटी) को बहुत ज्यादा तापमान पर पकाने से Acrylamide जैसे हानिकारक यौगिक भी बन सकते हैं.

विशेषज्ञों की राय

कपिल त्यागी (आयुर्वेद विशेषज्ञ) का मानना है कि सीधी आंच पर पकाने को सीधे कैंसर से जोड़ना सही नहीं है. शरीर में खुद को ठीक करने की क्षमता होती है. लेकिन यदि लंबे समय तक लगातार जली हुई रोटी खाई जाए तो नुकसान जरूर हो सकता है. वहीं शिखा अग्रवाल शर्मा (न्यूट्रिशनिस्ट) बताती हैं कि HCA और PAH जैसे तत्व ज्यादातर चारकोल, खुले चूल्हे या बहुत तेज आंच पर पकाने से बनते हैं. पहले लोग तवे पर रोटी को धीरे-धीरे पकाते थे, जिससे वह पूरी तरह पक जाती थी और सीधी आंच का प्रयोग कम होता था. आजकल लोग जल्दीबाज़ी में रोटी तवे पर कम और गैस की लौ पर ज्यादा देर तक पकाते हैं, जिससे रोटी कच्ची भी रह जाती है और ऊपर से जल भी जाती है.

क्या है रोटी बनाने का सही और सुरक्षित तरीका?

इस पूरी चर्चा के बाद आइए अब बात करे रोटी बनाने के सही और सुरक्षित तरीके के बारे में तो आटा गूंथने के बाद कम से कम 30 मिनट तक ढककर रखें. इससे आटा सेट हो जाता है और रोटी आसानी से पकती है.  रोटी को धीमी या मध्यम आंच पर तवे पर पूरी तरह पकाएं. ध्यान दें कि वह दोनों ओर से सुनहरी हो जाए. यदि रोटी को फुलाना हो तो उसे सिर्फ कुछ सेकंड के लिए ही हल्की आंच पर रखें, ताकि वह फूल जाए लेकिन जले नहीं. जली हुई या ज्यादा काली हुई रोटी से बचें, क्योंकि उसमें हानिकारक पदार्थ बनने की संभावना रहती है.

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