गैस की आंच और रोटी बनाने की आदत
क्या कहते हैं वैज्ञानिक शोध?
2. गैस चूल्हे से निकलने वाले प्रदूषक- 2015 में Environmental Science and Technology जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, नेचुरल गैस से चलने वाले चूल्हे से कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सूक्ष्म कण जैसी हानिकारक गैसें निकलती हैं। इनकी मात्रा WHO के मानकों से भी अधिक पाई गई। लंबे समय तक इन गैसों के संपर्क में रहने से सांस संबंधी रोग, हृदय रोग और कैंसर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. स्टार्च और उच्च तापमान का असर- Nutrition and Cancer जर्नल में प्रकाशित एक और रिसर्च बताती है कि स्टार्च से बने खाद्य पदार्थ (जैसे रोटी) को बहुत ज्यादा तापमान पर पकाने से Acrylamide जैसे हानिकारक यौगिक भी बन सकते हैं.
विशेषज्ञों की राय
कपिल त्यागी (आयुर्वेद विशेषज्ञ) का मानना है कि सीधी आंच पर पकाने को सीधे कैंसर से जोड़ना सही नहीं है. शरीर में खुद को ठीक करने की क्षमता होती है. लेकिन यदि लंबे समय तक लगातार जली हुई रोटी खाई जाए तो नुकसान जरूर हो सकता है. वहीं शिखा अग्रवाल शर्मा (न्यूट्रिशनिस्ट) बताती हैं कि HCA और PAH जैसे तत्व ज्यादातर चारकोल, खुले चूल्हे या बहुत तेज आंच पर पकाने से बनते हैं. पहले लोग तवे पर रोटी को धीरे-धीरे पकाते थे, जिससे वह पूरी तरह पक जाती थी और सीधी आंच का प्रयोग कम होता था. आजकल लोग जल्दीबाज़ी में रोटी तवे पर कम और गैस की लौ पर ज्यादा देर तक पकाते हैं, जिससे रोटी कच्ची भी रह जाती है और ऊपर से जल भी जाती है.