इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Benefits of Moringa: आजकल सब्जियों में मोरिंगा यानी सहजन को कई तरह से प्रयोग किया जा रहा है। कई लोग सहजन के बीज, छाल, पत्तों के इस्तेमाल के बारे में जानते हैं। कहा जाता है इसका तेल भी त्वचा के लिए बढ़िया होता है। आयुर्वेद में सहजन के पेड़ को चमत्कारी वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। तो चलिए जानते हैं क्या हैं सहजन के फायदे।
सहजन की फलियों के लाभ (Benefits of Drumstick Beans)
- दांत और हड्डियों:सहजन की फलियों को उबालकर सूप को पी लेने से पेट संबंधी बीमारियां जैसे गैस दूर होगी। फलियों को उबाल कर बच्चों को खिलाया जाए तो, उनकी दांत और हड्डियां मजबूत होगी। उनका शरीर हेल्दी रहेगा।
- दांतों का दर्द सता रहा हो, तो इसकी फलियों के छाल को सूखा कर इसका पाउडर बना लें। इसमें भूने हुए जीरे का पाउडर भी मिक्स कर लें। दोनों समान मात्रा में होना चाहिए। इसको दांतों पर मलने से दांतों के दर्द में आराम मिलेगा।
- गर्भावस्था, मेनोपॉज: गर्भावस्था के दौरान सहजन की उबली हुई फलियों को रेगुलर खाएं, तो कैल्शियम की कमी नहीं होगी। मेनोपॉज के बाद हॉरमोन के असंतुलन से हड्डियां कमजोर होने लगती है। फैक्चर के चांसेज बढ़ जाते हैं। इसकी फलियां खाने से यह आशंका कम होगी।
- डिलीवरी और मेनोपॉज के बाद बाल पतले हो जाते, तेजी से झड़ने लगते हैं, नाखून टूटने लगते हैं, ऐसी समस्याओं में भी फलियां खाने का अच्छा असर होगा। आॅस्टियोपोरोसिस में भी उबली हुई सहजन की फलियां खाएं। कैल्शियम और विटामिन डी की कमी को दूर करेगा।
- मेनोपॉज के दौरान हारमोन को बैलेंस करने के लिए मोरिंगा और अमरंथ (चौलाई/राजगिरा) के पाउडर को मिलाकर लंबे समय तक इस्तेमाल करने से हीमोग्लोबिन बढ़ेगा, ब्लड शूगर सही रहेगा। यह वजन को बढ़ने नहीं देता है।
- सहजन की 10 फलियों को कुकर में उबाल लें। इसको छील कर धूप में सूखा लें। सूखने के बाद इसका पाउडर बना लें। सूंघने से छींक आएगी। अस्थमा की तकलीफ दूर होगी।
सहजन के पत्तों का उपयोग (uses of drumstick leaves)
- शरीर में सूजन हो, दर्द हो, जोड़ों में दर्द हो या फिर स्किन डिसीज में चर्म रोग हो या। इसके पत्तों को पानी में डालकर उबाल लें। इस पानी को सेंक करने से लाभ होता है।
- पेट फूलने की समस्या होने पर इस पानी के सेंक से यह प्रॉब्लम दूर हो जाएगी। इसके पानी को पेट पर लगाने से रुक-रुक कर आने वाली यूरिन की समस्या दूर होती है।
- मुंह के लकवा होने पर भी इसके गरम पानी से सेंकने से लाभ होगा।
- सहजन के पत्तों का पेस्ट त्वचा पर लगाया जाता है। मसूढ़ों की बीमारी, एक्ने, घाव और एथलीट फुट के लिए भी इसके पत्तों के लेप कारगर साबित होता है।
- आयुर्वेद में सहजन की पत्तियों को चाक्षुष्य (आंखों को फायदा पहुंचाने वाली चीज) माना गया है। इसके पत्तों का रस निकालकर शहद के साथ पीने से आंखों की रोशनी बरकरार रहती है।
- मोरिंगा में प्रोटीन काफी मात्रा में होता है। पत्तों के चूर्ण को गरम पानी या स्मूदी में डालकर पी सकते हैं। इसे वर्कआउट के बाद लें। जिम जाने वाले मसल्स रिपेयर के लिए इस पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- थाइरॉयड हॉरमोन्स के असंतुलन से जूझ रहे लोगों को भी इन दोनों के मिश्रण का 5 से 6 महीने तक लें, तो फायदा पहुंचेगा। मोरिंगा का पाउडर लीवर को अच्छा रहता है। इस अंग में जमा फैट को कम करने में मदद करता है। लीवर फाइब्रोसिस की आशंका कम करती है।
सहजन के पेड़ की छाल कारगर (Drumstick tree bark is effective)
पेड़ की छाल को पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को फोड़े फुंसियों पर लगाएं। सिरदर्द और पेटदर्द में लगाने से दर्द कम होता है। सियाटिका का दर्द होने पर उबला हुआ सहजन खाने से फायदा होगा।
सहजन की जड़ों में है ढेरों गुण (Drumstick roots have many properties)
- सहजन की जड़ों को उबाल कर काढ़ा पीने से किडनी की पथरी पिघल कर यूरिन के साथ बाहर निकल जाती है। सौ से 150 मिली पानी में 10 से 20 ग्राम जड़ उबाल कर यह काढ़ा बनाएं।
- प्रेग्नेसी के समय इसकी फलियां खाई जा सकती है। डिलीवरी हो जाने यह मां का दूध बढ़ाने का काम करता है। इसके पत्तों को खाने से फायदा पहुंचता है। प्रोटीन और कैल्शियम की कमी को भी पूरा करता है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान पत्ते, फूल, छाल और जड़ों का उपयोग नहीं करना चाहिए। इस समय पत्ते नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह गर्भाशय को सिकोड़ने का काम करता है।
- सहजन के कोमल पत्तों और फूलों की सब्जी कमजोर शरीर के लोगों को हेल्दी बनाता है। छोले या चना में सहजन की फलियां डालकर बनाने से पचने में आसानी होती है। दाल और सांभर में इसका प्रयोग किया जाए तो गैस की समस्या नहीं होगी।
Benefits of Moringa
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