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India News (इंडिया न्यूज़),Bleeding Eye Virus: मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) एक अत्यधिक खतरनाक और जानलेवा वायरस है जो इबोला वायरस के समान है। यह फिलहाल अफ्रीका के कुछ हिस्सों में फैल रहा है, खासकर रवांडा में, जहां कई लोग संक्रमित हो चुके हैं और 15 मौतें दर्ज की गई हैं। इस वायरस की वजह से लोगों की आंखों और शरीर के अन्य हिस्सों से खून बहने लगता है, इसलिए इसे “ब्लीडिंग आई वायरस” भी कहा जाता है।
यह फाइलोवायरस परिवार से संबंधित है, जिसमें इबोला वायरस भी शामिल है। वायरस मुख्य रूप से रूसैटस प्रजाति के चमगादड़ों में पाया जाता है, और गुफाओं या खदानों में समय बिताने वाले लोग इससे संक्रमित हो सकते हैं।
संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थों (खून, लार, पसीना, मूत्र, उल्टी) के संपर्क से।संक्रमित सतहों और सामग्रियों के संपर्क से।संक्रमित चमगादड़ों के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है।
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संक्रमित क्षेत्रों से दूर रहें। संक्रमित व्यक्तियों और सतहों के संपर्क में आने से बचें। खुद को साफ सुथरा रखें। हाथ धुले मास्क पहन कर रहे।सामाजिक दूरी का पालन करना चमगादड़ों और संक्रमित जानवरों से संपर्क से बचें।
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फिलहाल मारबर्ग वायरस के लिए कोई स्वीकृत वैक्सीन या विशेष इलाज उपलब्ध नहीं है। रोगियों का इलाज उनके लक्षणों के आधार पर किया जाता है:
मारबर्ग वायरस एक घातक बीमारी है, और इसके खिलाफ सतर्कता, स्वच्छता और संक्रमित क्षेत्रों से बचाव करना ही एकमात्र सुरक्षा है। सरकारों और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निगरानी और नियंत्रण प्रयासों को मजबूत करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, जागरूकता फैलाना और इस बीमारी से जुड़े लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज प्राप्त करना जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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