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High Blood Pressure की बदली परिभाषा, जानें क्या हैं नई गाइडलाइन?

High Blood Pressure: हाई ब्लड प्रेशर को अक्सर लोग हल्के में लेते हैं, लेकिन यह कई गंभीर बीमारियों की जड़ है.

Written By: shristi S
Last Updated: September 20, 2025 16:45:36 IST

High Blood Pressure Guidelines: ब्लड प्रेशर को लोग आमतौर पर नजरअंदाज कर देते है, जिसके कारण हृदय रोग (Heart Diease), ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) और गुर्दे की बीमारियों के बढ़ती है, इस मामलों को देखते हुए रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ हाइपरटेंशन इन इंडिया (RSSHI) ने ब्लड प्रेशर की नई गाइडलाइन जारी की है. पहले तक 140/90 mmHg को सामान्य ब्लड प्रेशर माना जाता था, लेकिन अब इसे घटाकर 130/80 mmHg कर दिया गया है. यानी इससे अधिक स्तर को हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) की श्रेणी में रखा जाएगा.

कार्यशाला से सामने आई नई परिभाषा

लखनऊ के होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में शुक्रवार से शुरू हुई तीन दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने इस बदलाव की घोषणा की. इस सम्मेलन में देशभर से आए करीब 250 चिकित्सकों ने भाग लिया. जेरियाट्रिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक में गुर्दा, हृदय रोग और स्ट्रोक के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. इसके साथ ही आंखों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए RSSHI ने यह नई गाइडलाइन तैयार की है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से जांच

विशेषज्ञों ने बताया कि ब्लड प्रेशर एक बार की रीडिंग से तय नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह दिनभर में कई बार बदलता है. इसी वजह से अब एआई-आधारित एम्बुलेटरी ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग (ABPM) की मदद से 24 घंटे की रीडिंग लेकर औसत निकाला जाएगा. इस आधार पर ही दवा देने या जीवनशैली बदलने का सुझाव दिया जाएगा.

पहले दिन हाइपरटेंशन से होने वाली बीमारियों और उनके प्रबंधन पर चर्चा हुई. जिसमें  डॉ. मौहम्मद जावेद ने एपिडेमियोलॉजी ऑफ हाइपरटेंशन पर व्याख्यान दिया जिसके बाद डॉ. राहुल वर्मा ने द आर्ट ऑफ मेजरिंग ब्लड शुगर पर जानकारी दी. डॉ. अमित कांत ने एम्बुलेटरी और होम बीपी मॉनिटरिंग पर व्याख्यान प्रस्तुत किया और अन्य सत्रों में हृदय, फेफड़े और बुजुर्गों में हाइपरटेंशन प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा हुई.

कितनी बड़ी है समस्या?

कार्यशाला में पेश रिपोर्ट के अनुसार शहरी क्षेत्रों में हर चौथा-पांचवां व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित है. ग्रामीण इलाकों में हर पांचवां-छठवां व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में है. हाइपरटेंशन सिर्फ दिल और दिमाग को ही नहीं, बल्कि फेफड़े, गुर्दे और घुटनों को भी नुकसान पहुंचा रहा है.

क्यों बढ़ रहा है ब्लड प्रेशर?

विशेषज्ञों ने बढ़ते मामलों के पीछे कई प्रमुख कारण गिनाए हैं जिसमें अत्यधिक तनाव, फास्ट फूड और नमक का ज्यादा सेवन, लंबे समय तक कुर्सी पर बैठे रहना (बैठक जीवनशैली), मोटापा और नियमित व्यायाम की कमी और परिवार में हाइपरटेंशन का इतिहास शामिल हैं. 

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